ऐ नवाब शाहीन की तरह
बुलंदिया पाकर
तुम किताब लिखो
थोड़े पन्ने खाली छोड़ दो
मोहब्बत ,,प्यार ,,नफासत ,,वफ़ा के रंगो से
में उन सभी पन्नो को रंगारंग जीवंत कर दूंगा ,,,,अख्तर
बुलंदिया पाकर
तुम किताब लिखो
थोड़े पन्ने खाली छोड़ दो
मोहब्बत ,,प्यार ,,नफासत ,,वफ़ा के रंगो से
में उन सभी पन्नो को रंगारंग जीवंत कर दूंगा ,,,,अख्तर
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