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22 मार्च 2015

पूजन गौरी का करूं

गणगौर "राजस्थान का एक अनुपम प्रीत,पिया और प्रणय त्यौहार" कुछ दोहे**
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पूजन गौरी का करूं, साजन हिया बसाय ।
गण मिलाय गण सौंपदे,जनम सफल हो जाय।।
साजन थारी ओढनी, मान प्रीत रो रूप ।
धरती बण'र सहेजलूँ ,सेळी सेळी घूप ।।
जोबण गमकै साहिबा,मोर गया रे आम ।
चोखा हांसी कणकती,करदे तू चितराम।।
हार इतरतो सांस पे,अधर धूजता आज ।
कटि रमता सोर्'या करे,नाभितल कोहराम।।
सेज तळै गाबा गिरे,लग लग धूजे देह ।
कळश बिजोरा है तणै,बरसा बादळ मेह।।
-गोविन्द हाँकला

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