आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

07 मार्च 2015

हमारे शरीर में कहां रहते हैं भगवान, ये है इस प्रश्न का उत्तर


एक बार शरीर के अंगों में इस बात को लेकर झगड़ा छिड़ गया कि हम में से बड़ा कौन है। वाणी कहने लगी मैं बड़ी हूं, क्योंकि मैं जिसके पास नहीं होती वह बोल नहीं पाता है। कान कहने लगे- यदि हम न रहें तो व्यक्ति को कुछ भी सुनाई न दे, इसलिए हम बड़े हैं। मन कहने लगा- मेरे न रहने से व्यक्ति को किसी चीज़ का पता नहीं चलता इसलिए मैं सबसे श्रेष्ठ हूं।

प्राण ने अपनी तारीफ करते हुए कहा कि यदि मैं शरीर का साथ छोड़ दूं तो यह शरीर ही मृत हो जाए, इसलिए मै सबसे बड़ा हूं। यह विवाद काफी समय तक चलता रहा, लेकिन कोई हल नहीं निकला। फिर इंद्रियों ने कहा- इस विवाद का निबटारा करने के लिए हमें प्रजापति के पास चलना चाहिए। वहीं इस बात का निर्णय करेंगे कि हममे से श्रेष्ठ कौन है? ऐसा सोचकर इंद्रियां ब्रह्मा के पास पहुंची।

ब्रह्मा बोले तुम में से जिसके शरीर से चले जाने पर शरीर बेजान यानी निष्क्रिय हो जाए तो समझ लेना वह श्रेष्ठ है। इंद्रियों ने ऐसा ही किया। सबसे पहले वाणी शरीर से अलग हो गई। साल भर के बाद फिर लौटी। उसने देखा और सोचा मेरे जाने से शरीर पर कुछ प्रभाव नहीं पड़ा। ऐसा ही आंखों ने भी किया, लेकिन शरीर पर कोई अंतर नहीं पड़ा। अब कानों की बारी थी। उन्होंने ने भी शरीर छोड़ दिया। फिर भी शरीर पहले जैसा ही रहा।

उसके बाद मन ने शरीर छोड़ दिया। मन के न रहने पर शरीर सिर्फ मानसिक विकास नहीं कर पाता, लेकिन अन्य काम तो चलता ही रहता है। सबसे आखिर में जब प्राण ने शरीर छोड़ना चाहा तो सारी इंद्रियां व्याकुल हो उठी। उन्होंने अनुभव किया कि प्राण निकल जाने पर हम भी बेकार हो जाएंगी। इसलिए उन्होंने प्राण की श्रेष्ठता स्वीकार कर ली। यह प्राण शक्ति ईश्वर से मिलती है। शास्त्रों ने परमात्मा को ही प्राण कहकर पुकारा है।

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईश्वर, अल्लाह, परमात्मा या भगवान हम उन्हें जिस भी नाम से पुकारें वो हमारे ही अंदर हैं, क्योंकि जहां वो नहीं होते वहां जीवन संभव ही नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...