नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। बुधवार को जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण
अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के 'जमीन वापसी आंदोलन' के दौरान मंच पर मौजूद
राज बब्बर ने कहा, 'नरेंद्र मोदी किसानों की जमीन 4.5 करोड़ में उनका सूट
खरीदने वाले लोगों को गिफ्ट करना चाहता है। मैं पूछना चाहता हूं नरेंद्र
दामोदर दास मोदी से कि तू क्या जानता है, तू सिर्फ कॉरपोरेटरों से अपने सूट
की बोली साढ़े चार करोड़ में लगवाना जानता है। यहां वे किसान बैठे हैं,
जिनके बेटे सीमाओं पर तैनात हैं। (नरेंद्र) दामोदर मोदी तुझे क्या पता है?'
इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश सहित
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने वहां
विरोध-प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों को संबोधित किया। इस बीच, सूत्रों
ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर अपना
रुख नहीं बदलेगी। इसका मतलब यह हुआ कि अध्यादेश के जरिए भूमि अधिग्रहण
कानून में किए गए बदलाव बने रहेंगे।
जंतर-मंतर तक सीमित नहीं रहेगा आंदोलन: अहमद पटेल
जंतर-मंतर पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान मंच पर मौजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसान एक तरफ हैं और उद्योगपति एक तरफ। अब
लोगों को फैसला लेना है कि वे किसका साथ देंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार
ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। मोदी सरकार ने कई वादे किए लेकिन
अभी उन वादों को पूरा नहीं किया गया। सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद
पटेल ने कहा, 'यह आंदोलन केवल जंतर-मंतर तक नहीं सीमित रहना चाहिए। हम इसे
प्रत्येक गांव तक ले जाएंगे। बीजेपी केवल जुमला बोलती है, वे केवल सत्ता
हासिल करना चाहते हैं।'
अलग-थलग पड़ी सरकार
जमीन अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार अलग-थलग पड़ रही है। एक ओर जहां
संसद में विपक्षी दल और जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा है तो
दूसरी ओर सरकार में शामिल एनडीए की सहयोगी पार्टियां भी बिल के खिलाफ आवाज
उठाने लगी हैं। शिवसेना के बाद रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा भी
अध्यादेश के जरिए बिल में किए गए संशोधन का विरोध कर रही है। संसद में
विपक्ष और सड़क पर भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विरोध का सामना कर रही मोदी
सरकार की सहयोगी पार्टियों ने भी आवाज
उठानी शुरू कर दी है। शिवसेना के बाद लोजपा ने भी कहा है कि बिल में
किसानों के हित में कुछ संशोधन किया जाना चाहिए। बुधवार को लोजपा के सांसद
चिराग पासवान ने कहा कि बिल में किसानों के हितों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
हम इस संबंध में एनडीए के सहयोगी दलों से बात करेंगे। इस बीच शिवसेना के
सांसद संजय राउत ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि हम किसान विरोधी किसी
भी बिल का समर्थन नहीं कर सकते। हम एनडीए के सरकार में शामिल हैं और मांग
करेंगे कि बिल में कुछ संसोधन किया जाए।
सभी राजनीतिक अलग-अलग बात करेगी मोदी सरकार
इस बीच एक केंद्र सरकार ने सभी पार्टियों से बात करने की योजना बनाई है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार सभी राजनीतिक पार्टियों से भूमि अधिग्रहण विधेयक पास कराने के संबंध में अलग-अलग बात करेगी। पहले इसे लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की योजाना थी लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को एकमत करने की कोशिश करेगी। कहा जा रहा है कि अलग-अलग पार्टियों से मुलाकात का जिम्मा बड़े केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पीएम खुद संभाल सकते हैं।
इस बीच एक केंद्र सरकार ने सभी पार्टियों से बात करने की योजना बनाई है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार सभी राजनीतिक पार्टियों से भूमि अधिग्रहण विधेयक पास कराने के संबंध में अलग-अलग बात करेगी। पहले इसे लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की योजाना थी लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को एकमत करने की कोशिश करेगी। कहा जा रहा है कि अलग-अलग पार्टियों से मुलाकात का जिम्मा बड़े केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पीएम खुद संभाल सकते हैं।
पीएम मोदी से मिले शरद पवार
इधर, भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर विरोध-प्रदर्शन और विवाद के बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। समझा रहा है कि दोनों के बीच बिल को लेकर बातचीत हुई है। इधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली पंजाब में सहयोगी अकाली दल के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सरकार सहयोगी दलों को एकसाथ लाने की कोशिश कर रही है।
इधर, भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर विरोध-प्रदर्शन और विवाद के बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। समझा रहा है कि दोनों के बीच बिल को लेकर बातचीत हुई है। इधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली पंजाब में सहयोगी अकाली दल के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सरकार सहयोगी दलों को एकसाथ लाने की कोशिश कर रही है।
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