ऐतिहासिक महल में जन्म ,, इक्कीस तोपों की सलामी ,पैदाइश की ख़ुशी में
महलों की जगमगाहट ,,सोने के पालने में झूलकर बढ़े होना ,,,,सेकड़ो नौकर चाकर
की जी हुज़ूरी ,,लाड प्यार ,,,सोने ,,चांदी ,,हीरे मोती जवाहरात के खिलोने
से खेलकूद कर बढ़े होना ,, बढ़े बढ़े लोगों से रसुकात ,,,फिर विदेशों में
शिक्षा लेने के बाद भी गरीबों के लिए आम आदमी के लिए हमदर्दी ,,,प्यार
,,उनके लिए ज़िम्मेदारी जिस सख्सियत में है वोह इंसानो के भेस में फरिश्ता
ही कहा जाएगा ,,,जी हाँ में बात कर रहा हूँ राजस्थान के उस कोटा के
राजकुमार इजेराज सिंह की जिसने आम लोगों को मानसम्मान और उनके हुक़ूक़ के
लिए संघर्ष का हिस्सा बनकर यह साबित कर दिया है के महलों में भी गरीबों के
दोस्त ,,गरीबों के हमदर्द पला बढ़ा करते है ,,,,,,आज ही के दिन वर्ष उनीस सो
पैसठ में जन्मे कोटा के राजकुमार इजेराज सिंह कोटा दरबार बृजराज सिंह के
पुत्र और महाराव भीम सिंह के पोत्र है ,,,बारा खम्बा रोड दिल्ली में
शिक्षा लेने के बाद आप मेयो कॉलेज में पढ़े फिर ब्रोन यूनिवर्सिटी से
कम्प्यूटर साइंस में बी एस सी करने के बाद कोलम्बित् से फाइनेंस मार्केटिंग
में एम बी ऐ किया ,,आपका विवाह राजकुमारी कल्पना देवी के साथ धूमधाम से
हुआ ,,,,इजेराज सिंह राजनीति में कोरा कागज़ थे लेकिन कांग्रेस और भाजपा
दोनों ही इन्हे सियासत में अपनी पार्टी को मज़बूती देने के लिए झपटना
चाहते थे ,,,इजेराज सिंह कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के भी निकटतम थे
सो इन्होने खुद कांग्रेस के साथ जाने का फैसला किया और फिर आप विकट
परिस्थितियों में कांग्रेस के टिकिट पर कोटा बूंदी के सांसद निर्वाचित हुए
,,,आपके निर्वाचन के पूर्व विरोधियों का कुप्रचार था के महाराजा है जीतने
के बाद महल के दरवाज़े बंद हो जाएंगे लेकिन कुप्रचारकों के मुंह पर तमाचा
पढ़ा ,,इनकी सादगी ,,मुस्कुराहट को लोगों ने जिताया और जीतने के बाद इजेराज
सिंह ने चुनाव ही नहीं जीता बल्कि कोटा के लोगों के दिलों को भी जीत लिया
अपनी सादगी ,,हंसमुख स्वभाव ,,गरीबों की सुनवाई ,,पीड़ितों को न्याय और
हमेशा उपलब्ध रहने की परम्परा ने इन्हे लोगों का चचहेता बना दिया,,,इजेराज
सिंह नियमित रूप से अपने निवास पर स्थापित कार्यालय में निर्धारित समय में
सबसे मिलते और अदब से उन्हें कुर्सियों पर बिठाते ,,,उन्हें पानी वगेरा की
आवश्यक अतिथि सत्कार सेवा दिलवाते ,,गंभीरता से लोगों की समस्याएं सुनते
तत्काल समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन या फिर संबंधित अधिकारी से बात
कर उसकी समस्या का समाधान करवाते ,,,,इस नज़ारे को देखकर सब मंत्रमुग्ध थे
,,सभी की गलतफहमियां दूर हो गई ,,एक राजा आम लोगों के साथ हमदर्दी में
ज़िम्मेदार था ,,,,,लोकसभा में आम जनता के लिए कोटा के हित में अधिकतम सवाल
उठाये ,,,कई समितियों में कोटा का पक्ष रखा राजस्थान सरकार में कोटा को
अव्वल लाने के लिए कई प्रस्ताव दिए ,,सबसे महत्वपूर्ण बात गंभीरता के अलावा
सहजता ,,समर्पण ,,समझदारी ,,सियासी समझ ,,,कुशल प्रबंधन के चलते इजेराज
सिंह का सियासी दर्जा लोगों के दिलों दिमाग मे छा गया ,,इसके बावजुद भी
इजेराज सिंह ने कभी स्थानीय पुराने नेताओं से कोई टकराव ,,कोई प्रतिस्पर्धा
,,कोई मनमुटाव नहीं रखा ,,सभी को साथ लेकर चले ,,कांग्रेस के आम सिपाही
बनकर सभी को सजोते संवारते रहे ,,वोह बात अलग है के विकट परिस्थितियों ने
उन्हें पूर्व सांसद बना दिया लेकिन जनता के दिलों पे राज आज भी इजेराज सिंह
साहब का ही है ,,यही वजह है के कार्यकर्ता इनके पचासवें जन्म दिन को लेकर
काफी उत्साहित रहे ,,,,इजेराज सिंह साहब को उनके जन्म दिन पर हार्दिक बधाई
,,मुबारकबाद ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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