मुफ्ती का सिर कलम करने पर 1 लाख का इनाम, शिव को बताया था पैगम्बर
- dainikbhaskar.com
- Feb 23, 2015, 18:19 PM IST
बरेली/लखनऊ.
पिछले हफ्ते अयोध्या में भगवान शिव को इस्लाम का पहला पैगम्बर बताने
वाले जमीयत-ए-उलेमा के मुफ्ती मोहम्मद इलियास अब मुश्किल में पड़ गए हैं।
उनके बयान से नाराज ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना काउंसिल के अध्यक्ष मुईन
सिद्दिकी ने मुफ्ती इलियास का सिर कलम करने वाले को एक लाख 786 रुपए का
इनाम देने का एलान किया है। फतवा जारी करने वाले मुईन सिद्दिकी ने रविवार
को कहा कि मुफ्ती इलियास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर
शरीयत के खिलाफ उलटा-सीधा बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की
फिजूलबयानी से मुफ्ती का बड़ा नुकसान हो सकता है। यदि उनके पास कोई जानकारी
है, तो कुरान और शरीयत के हिसाब से जानकारी दें। बिना समझे-बूझे बयान देना
उनके लिए महंगा पड़ सकता है।
इलियास ने भगवान शिव को मुस्लिमों का पहला पैगम्बर बताते हुए कहा था
कि इस बात को मानने में मुसलमानों को कोई गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा था
कि मुसलमान भी सनातनधर्मी हैं और हिंदुओं के देवता शिव और पार्वती हमारे भी
मां-बाप हैं। उन्होंने आरएसएस द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र बताए जाने पर
कहा था कि मुस्लिम हिंदू राष्ट्र के विरोधी नहीं हैं और हिंदुस्तान में
रहने वाला हर कोई हिंदू है। इलियास ने कहा, ''जिस तरह से चीन में रहने वाला
चीनी, अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी है, उसी तरह से हिंदुस्तान में रहने
वाला हर शख्स हिंदू है। जब हमारे मां-बाप, खून और मुल्क एक हैं, तो इस
लिहाज से हमारा धर्म भी एक है। हमारे धर्म की शुरुआत यहीं भारत से हुई है।
शंकर भगवान लंका में आए थे। वह हमारे इस्लाम धर्म के पहले पैगम्बर हैं। हम
यहीं पैदा हुए हैं। यहीं हमारा कर्म और धर्म क्षेत्र है।''
सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जमीयत उलेमा के मुफ़्ती मोहम्मद इलियास के बयान को विवादित करार दिया है। उनका कहना है कि अल्लाह ने कुरान में कुछ पैगम्बरों के नाम भी दे रखे हैं। हम दूसरे मजहब के पैगम्बर की भी इज्जत करते हैं। इलियास की बात हमारे मजहब में साबित नहीं होती है। इससे हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचा है।
अयोध्या पहंचे मुस्लिम धर्मगुरुओं का साधु-संतों ने भी खुले मन से
स्वागत किया। हिंदू धर्मगुरुओं का कहना था कि आपस में फूट डालकर राज करने
की राजनीति चल पड़ी है। इसे रोकना होगा। यह कार्यक्रम ऐसे लोगों के लिए एक
सबक है। अयोध्या में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि
हिंदू-मुसलमानों को लड़ाने वालों के लिए यह एक सबक है।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रचार वह सिर्फ भारत में
ही नहीं, बल्कि पूरे संसार में करेंगे। इंसानियत को जगाने के लिए हम सब
मिलकर यह कार्यक्रम कर रहे हैं। जिस तरह से पूरी दुनिया में लोग आतंकवाद से
त्रस्त हैं, उसे दूर करने के लिए सबने मिलकर पुतला फूंका है।
सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जमीयत उलेमा के मुफ़्ती मोहम्मद इलियास के बयान को विवादित करार दिया है। उनका कहना है कि अल्लाह ने कुरान में कुछ पैगम्बरों के नाम भी दे रखे हैं। हम दूसरे मजहब के पैगम्बर की भी इज्जत करते हैं। इलियास की बात हमारे मजहब में साबित नहीं होती है। इससे हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचा है।
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