जोधपुर. नाबालिग
से रेप के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से ही जमानत के लिए बीमारी का दावा
करने वाले आसाराम बापू को लेकर पुलिस दिल्ली पहुंची। जब कभी आसाराम को जेल
से कोर्ट तक सुनवाई के लिए लाया या ले जाया जाता है तो उनके पीछे भक्तों की
लाइन लग जाती है। कोई उनकी रिहाई की दुआ करता है तो कोई उनके दर्शन के लिए
बगावत पर उतर जाता है। ऐसे दृश्य कई बार जोधपुर में देखने को मिले। बात
केवल उनके लिए प्रार्थना का हो तो बात कुछ समझ में आती है, लेकिन दिल्ली
जाने की खबर आते ही वहां जो कुछ दिखा वो चौंकाने वाला था।
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कोई नम आंखें लिए तो कोई हाथ जोड़े कर रहा था आसाराम का इंतजार
आसाराम की दर्शन के लिए रेलवे प्लेटफॉर्म पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। उसकी
एक झलक पाने को कुछ ट्रैक पर उतरे तो कुछ 15 फीट ऊंची दीवारों और लोहे के
जालियों पर चढ़ गए। आसाराम के स्टेशन पर पहुंचते ही एक पल के लिए अफरा-तफरी
जैसा माहौल दिखा। एक झलक के लिए लोग एक दूसरे पर चढ़ने को उतारू तो गए थे।
किसी की आंखों में नमी थी तो कोई हाथ जोड़े खड़ा था। कुछ ऐसा ही नजारा था
आसाराम के समर्थकों का रेलवे स्टेशन पर।
बुधवार की रात जोधपुर सेंट्रल जेल से मंडोर एक्सप्रेस से आसाराम को
दिल्ली के लिए रवाना किया गया। आसाराम के लिए एसी फर्स्ट क्लास में
रिजर्वेशन था। जोधपुर स्टेशन पर भी आसाराम समर्थकों की भीड़ उन्हें विदा
करने आई। हालांकि राजस्थान पुलिस आसाराम को बस से दिल्ली लाना चाहती थी।
लेकिन आसाराम इसके लिए तैयार नहीं हुए। लेकिन जब कोर्ट ने भी उन्हें विमान
से दिल्ली लाने की इजाजत नहीं दी तो उन्हें मजबूरन ट्रेन से दिल्ली लाना
पड़ा।
इतने कारनामे सामने आने के बाद भी यदि लोगों का पागलपन बना हुआ है तो कसूर आसाराम जैसे ढोंगियों का नहीं है , फिर इनकी दुकानदारी कैसे उखड़ सकती है इसीलिए आसाराम रामपाल व अन्य बाबाओं का मजमा चलता रहता है दोष इनका नहीं हमारा है जो इन बाबाओं, पीरों व महंतों के पीछे भागते हैं
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