पेरिस: फ्रांस में हाल में ही हुए आतंकी हमलों के
विरोध में रविवार को पेरिस की सड़कों पर लाखों का हुजूम उतर आया। लेकिन
अमेरिका की ओर से कोई बड़ा नेता या सीनियर अफसर इस मार्च में शामिल नहीं
हुआ। व्हाइट हाउस प्रशासन के मुताबकि, रविवार को अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा
नेशनल फुटबॉल लीग के मैच देखते रहे। उप राष्ट्रपति जो बिडेन भी अमेरिका
में ही रहे। विदेश मंत्री जॉन केरी भारत में वाइब्रेंट गुजरात समिट में
हिस्सा ले रहे थे।
दूसरी तरफ, फ्रांस में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए 10 लाख
से ज्यादा लोग इस मार्च में शामिल हुए। खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम
में कई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हुए। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति
फ्रांस्वा ओलांद के अलावा जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, इजरायल
के पीएम बेंजामिन बेंजामिन नेतन्याहू, फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास
और जॉर्डन के किंग भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, करीब 40 देशाें के
प्रतिनिधि इस मार्च में शामिल होने पहुंचे। बता दें कि फ्रांस में तीन दिन
तक चली आतंकी गतिविधियों में
अलग-अलग जगहों पर कुल 17 लोग मारे गए। इनमें व्यंग्य पत्रिका चार्ली
हेब्दो के दफ्तर पर हुए हमले में मारे गए 10 पत्रकार और एक मुस्लिम पुलिस
अफसर भी शामिल हैं।
मार्च में शामिल हुए लोगों की आंखों में आंसू थे और उन्होंने
अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्रता के पक्ष में बैनर थाम रखे थे। लोगों ने
मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि दी। मार्च में शामिल एक शख्स ने कहा कि इस
भीड़ से पता चलता है कि फ्रांस कितना मजबूत है। एक 70 साल की बुजुर्ग
जैकलीन साद-रॉना ने कहा कि वह जताना चाहती हैं कि कट्टरपंथियों से डरी नहीं
हैं। उन्होंने कहा, "मैं अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करना चाहती हूं।
उधर, इस मार्च के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंद रखे गए थे।
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