लखनऊ. मोदी
के धुर विरोधी माने जाने वाले बीजेपी के पूर्व महासचिव अौर आरएसएस प्रचारक
संजय जोशी 14 जनवरी को उनके स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लेंगे। इसके
लिए लखनऊ में होर्डिंग भी लग चुके हैं। बता दें कि हाल के दिनों में संजय
जोशी की गतिविधियां बढ़ीं हैं। कुछ वक्त पहले ही उन्हें गुजरात में आयोजित
संघ के कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया गया था।
बीजेपी दफ्तर पर लगे होर्डिंग
खास बात यह है कि ये होर्डिंग्स लखनऊ में भाजपा दफ्तर के बाहर लगे
हैं। इसके अलावा, शहर के चारबाग, हजरतगंज, लालबाग और डालीगंज इलाकों में
लगाए गए हैं। होडिंग्स में जोशी के साथ पीएम मोदी की भी तस्वीर है। अभियान
सुबह दस बजे से आइटी चौराहा से हरिजन बस्ती बाबा की बगिया तक चलाया जाएगा।
बता दें कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति भी है।
बीजेपी ने दी सफाई
भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक का कहना है कि स्वच्छता अभियान सबके
लिए है। कोई भी इससे जुड़ सकता है। यह अभियान सिर्फ पीएम नरेन्द्र मोदी का
नहीं बल्कि पूरे देश का है। जानकारों के मुताबिक, पार्टी को लगता है कि
मोदी की तानाशाह जैसी छवि बनती जा रही है। ऐसे में उसे लगता है कि मोदी के
अभियान से जोशी को जोड़कर इस छवि को बदला जा सकता है।
मोदी की वजह से छोड़ा था पद
संजय जोशी की पहचान आरएसएस कार्यकर्ता रूप में है। उन्हें 1988 में आरएसएस ने गुजरात भाजपा ईकाई में काम करने के लिए भेजा था। उसी दौर में मोदी से उनके मतभेद हो गए। 2012 मई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग हुई थी। बताया जाता है कि उस मीटिंग में नरेंद्र मोदी ने आने से इनकार कर दिया था। उन्होंने शर्त रखा था कि जब तक संजय जोशी इस्तीफा नहीं देते, तब तक वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे। इसके बाद संजय जोशी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद भी संजय जोशी और मोदी के बीच का विवाद खत्म नहीं हुआ था। आखिरकार उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, भाजपा सूत्रों की मानें तो इस्तीफे के बाद भी जोशी पार्टी के कामकाज से जुड़े रहे हैं।
संजय जोशी की पहचान आरएसएस कार्यकर्ता रूप में है। उन्हें 1988 में आरएसएस ने गुजरात भाजपा ईकाई में काम करने के लिए भेजा था। उसी दौर में मोदी से उनके मतभेद हो गए। 2012 मई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग हुई थी। बताया जाता है कि उस मीटिंग में नरेंद्र मोदी ने आने से इनकार कर दिया था। उन्होंने शर्त रखा था कि जब तक संजय जोशी इस्तीफा नहीं देते, तब तक वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे। इसके बाद संजय जोशी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद भी संजय जोशी और मोदी के बीच का विवाद खत्म नहीं हुआ था। आखिरकार उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, भाजपा सूत्रों की मानें तो इस्तीफे के बाद भी जोशी पार्टी के कामकाज से जुड़े रहे हैं।
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