जश्ने ईद मिलादुन्नबी सभी को मुबारक हो ,,कोटा में आज इस खुशनुमा मौके पर
सभी ने इसे अपने अपने अंदाज़ में मनाया ,,,,,एस डी पी आई के कार्यकर्ताओं ने
खुद को करें पर टांका उसमे बैठे और जुलुस का फूल न्योछावर स्वागत किया
जिसमे मुज़फ्फर राइन ,,,,अफज़ल मंसूरी सहित कई लोग थे अलग से एस डी पी आई का
टेंट लगाया गया ,,जबकि अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े रफ़ीक बेलियम
,,,ज़ाकिर रिज़वी सहित कई दर्जन कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर रक्तदान शिविर
लगाकर खिदमते ख़ल्क़ का काम किया ,,,,,,,,,,सैकड़ों नो जवानो ने
लोगों की ज़िंदगी बचाने के लिए रक्तदान किया ,,,कई लोगों ने समाज से जुड़े
लोगों ने जुलुस के मार्ग को सजाया संवारा ,,बधाई मुबारकबाद के नाम पर अपनी
संस्था का विज्ञापन किया ,,,,खुद के और नेताओं के भी फोटु लगाए
,,,,नईमुद्दीन गुड्डू और पूरी टीम ने ऊपर मंच बनाकर पुर ख़ुलूस तरीके से दिल
से फूलों की बारिश कर आने जाने वालों का स्वागत सत्कार किया ,,,जुलुस के
मार्ग पर कई दर्जन शरबत ,,दूध की सबीले थी ,,,तो बिरियानी ,,,पुलाओ ,,ज़र्दा
,,,आइसक्रीम ,,खीर सहित कई तरह के व्यंजनों की स्टालें लगाई गयी थी
,,जुलुस जहाँ जलसे में बदलेगा वहां इस बार बदइंतज़ामी थी ,,,, जगह कम थी
,,भीड़ ज़्यादा थी ,,लोगों में इस बार उत्साह ज़्यादा था ,,,,,,,,,सभी में
जुलुस में आने जाने वालों के स्वागत की होड़ लगी थी ,,अफ़सोस से भी ज़्यादा
अफ़सोस की बात यह थी की जश्ने ईद मिलादुन्नबी के इस जलसे में पहली बार कोटा
की मुस्लिम महिलाओं ने खुले रूप से मेकअप वगेरा कर जुलुस में हिस्सा लिया
,,मर्दों से ज़्यादा औरतों की भीड़ नज़र आ रही थी ,,,कई जगह पर औरतों के जमघट
थे जबकि औरतों की अलग से महिला कार्यकर्ताओं द्वारा स्टाल लगाई थी
,,,ताज्जुब तो इस पर रहा के इस बार मोलवी ,,आलिम ,,मुफ्ती ,,जुलुस समिति से
जुड़े लोग और घर के मर्दों ने औरतों को जुलुस में और जुलुस स्थल पर सरसपाते
के लिए आने से नहीं रोका ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,,,
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