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04 जनवरी 2015

नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि हयाते तय्यबा :-

नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि हयाते तय्यबा :-
✏ नामे मुबारक :-
🎲मुहम्मद (दादा ने रखा)
🎲अहमद (वलिदाह ने रखा)
✏पैदाइश तारिख :-
🎲12 रबीउल अव्वल सन 570 ई.
✏पैदाइश दिन :-
🎲पीर।
✏पैदाइश का वक़्त :-
🎲सुबह सादिक़।
✏पैदाइश का शहर :-
🎲मक्का शरीफ।
✏दादा का नाम :-
🎲शैबा-अब्दुल मुत्तलिब (कुनियत-अबुल हारिस)
✏दादी का नाम :-
🎲फातिमा।
✏वालिद का नाम :-
🎲अब्दुल्लाह (कुनियत-ज़बीह)
✏वालिदा का नाम :-
🎲बीबी आमना (कुनियत-अबुल क़ासिम)
✏नाना का नाम :-
🎲वाहब बिन अब्दे मुनाफ।
✏खानदान :-
🎲क़ुरैश।
✏दूध पिलाने वाली ख़ादिमा :-
🎲उम्मे एयमन. हलीमा सादिया।
✏वालिद का इंतेक़ाल :-
🎲आपकी पैदाइश से पहले।
✏वालिदा का इंतेक़ाल :-
🎲जब आपकी उम्र 6 साल कि थी
(आपकी वालिदा का इंतेक़ाल अब्वा नाम कि जगह पर हुवा,
जो मक्का और मदीना के बीच में है)
🎲वालिद और वालिद एके इंतेक़ाल के बाद।
✏आपकी परवरिश :-
🎲दादा अब्दुल मुत्तलिब ने कि
दादा के इंतेक़ाल के वक़्त आपकी उम्र 8 साल थी।
✏दादा ने परवरिश कि :-
🎲2 साल।
✏दादा के बाद आपकी परवरिश कि :-
🎲चाचा अबु तालिब ने की।
✏आपके लक़ब :-
🎲अमीन। (अमानतदार) और सादिक़। (सच्चा)
✏पहला तिजारती सफ़र :-
🎲मुल्के शाम।
✏पहला निकाह :-
🎲हज़रते
खदीजा रदियल्लाहो तआला अन्हा। (मक्का के लोग ताहिरा नाम
से पुकारते थे)
✏निकाह के वक़्त उम्र :-
🎲25 बरस।
✏हज़तरे खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा कि उम्र :-
🎲40 बरस।
✏ऐलाने नुबुव्वत के वक़्त उम्र :-
🎲40 बरस।
✏पहली वही कि जगह :-
🎲ग़ारे हिरा
(ग़ारे हिरा जबले नूर पहाड़ पर है)
✏वही लाते थे :-
🎲हज़रते जिब्रईल अलैहिस्सलाम।
✏पहला नाज़िल लफ्ज़ :-
🎲इक़रा (पढ़ो)
✏सबसे पहले औरतो में इस्लाम क़ुबूल किया :-
🎲हज़रते खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा ने।
✏सबसे पहले मर्दो में इस्लाम क़ुबूल किया:-
🎲हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़ रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
✏सबसे पहले बच्चो में इस्लाम क़ुबूल किया:-
🎲हज़रते अली रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
✏आप व आप के साथी बेठा करते थे :-
🎲दारे अकरम
(दारे अकरम सफा पहाड़ पर है)
✏पसीना मुबारक :-
🎲मुश्क़ से ज्यादा खुशबूदार था।
आप जिस रास्ते से गुज़रते थे लोग पुकार उठते कि यहाँ आप
का गुज़र हुवा है।
✏साया :-
🎲आप का साया नही था।
✏कद:-
🎲न ज्यादा लम्बे न कम दरमियानी था।
✏भवे :-
🎲मिली हुई थी।
✏बाल :-
🎲घने और कुछ घुमाव दार थी।
✏आँखे:-
🎲माशा अल्लाह बढ़ी और सुर्ख डोरे वाली।
✏कुफ्फार मक्का ने बोकात किया:-
🎲नुबुव्वत के ऐलान के 9 वे
साल में।
✏ताइफ़ का सफ़र :-
🎲शव्वाल सन 10 नबवी।
✏हज़रते खदीजा व अबु तालिब का इंतिक़ाल :-
🎲ऐलाने नुबुव्वत के
दसवे साल मे।
(इस साल को अमूल हुजन भी कहा जाता है)
✏हिजरत :-
🎲ऐलाने नुबुव्वत के 13 साल बाद।
✏हिजरत के वक़्त उम्र शरीफ :-
🎲53 साल।
✏मक्का से हिजरत :-
🎲मदीना कि जानिब।
✏हिजरत के साथी :-
🎲हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़
रदियल्लाहो तअला अन्हु।
✏हिजरत के वक़्त आपने पनाह ली:-
🎲ग़ारे सौर यहाँ आपने तीन
राते गुज़ारी।
✏इस्लामी तारीख का आगाज़ :-
🎲आपकी हिजरत से।
✏पहली जंग :-
🎲गजवाये बद्र इसमें मुसलमानो कि तादाद 313 और
काफिरो कि 1000 थी।
✏हज़रते ज़ैनब से निकाह:-
🎲हिजरत के पांचवे साल।
✏आपने निकाह किये :-
🎲ग्यारह।
(इतने निकाह आपने इस्लाम और इस्लाम कि तालीमात को फैलाने
के लिए किये)
✏दन्दाने मुबारक शहीद हुवे :-
🎲जंगे उहद में।
✏सबसे बढे दुश्मन :-
🎲अबु लहब, अबु जहल।
✏पर्दा के वक़्त उम्र शरीफ :-
🎲63 बरस।
✏पर्दा किया :-
🎲मदीना मुनव्वरा में।
🎲एक मर्तबा दुरूदे पाक का नजराना पेश कीजिये।
🎲अगर आपकी खुबिया बयान करे तो ज़िन्दगी कम है।
🎲लेकिन मेने आप तक काफी चीज़े पहुंचायी है।
🎲इसे खूब शेयर करे और मेसेज
भी करे।
🎲हो सके तो सेव करके महफूज़ रखले ये हमारे आक़ा के मुताल्लिक़

✏ब:हवाला:-
(सीरतूनःनबी- सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)
🌺 आज के दिन अगर ये दुआ आगे फारवड ना कर सको तो वापस मुझे ही सेड कर देना
🌼 ऐ मेरे परवरदिगार पुरी दुनीया मे जीतने लोग वफात पा चूके हे उनकी मगफीरत फरमा . . आमिन
🌼 उनहे कबर के अजाब से माफ फरमा . . . आमिन
जो बीमार हे या परेशान हे तू अपने करम से माफ फरमा
. . . आमिन
🌼 ओर उनकी बीमारी ओर परेशानी को दूर फरमा. . . आमिन
🌼 ओर ऐ मेरे परवरदिगार जीसने मुझे ये दुआ भेजी हे उसके तमाम गुनाहो को माफ फरमा. . . . . आमिन
🌼 ओर हर काम मे कामयाबी अता फरमा . . . आमिन
🌼 ओर उसके नसीब खोल दे. . आमीन
🌼 अपने लीए जरूर दुआ करवाए नजाने कीसकी जुबान से आपकी तकदिर सवर जाए
आपकी खास दुआऔ में गुनाहगार को याद रखना !

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