अहमदाबाद: गुजरात
की सूरत पुलिस द्वारा मॉक ड्रिल में आतंकी बने शख्स को मुस्लिम कैप पहना
हुए दिखाने से उपजा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ कि एक और ऐसा मामला सामने
आया है। गुजरात पुलिस की मॉक ड्रिल से जुड़े दो और वीडियो सामने आए हैं,
जिसमें आतंकी बने लोग 'इस्लाम जिंदाबाद' के नारे लगाते नजर आ रहे हैं।
गुजरात सरकार इस मामले में बयान देने से बच रही है। मुख्यमंत्री आनंदी बेन
पटेल से शुक्रवार को इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे
पास कहने को कुछ नहीं है।
ताजा मामला नर्मदा जिले का है। यहां हुए मॉक ड्रिल के वीडियो में
पुलिसवालों को दो आतंकी बने लोगों को पकड़े हुए दिखाया गया है। ये लोग
जोर-जोर से चिल्लाते हैं, ‘अगर तुम चाहते हो तो हमें मार डालो। इस्लाम
जिंदाबाद।’ सौराष्ट्र के मोरबी में हुए एक ऐसे ही अभ्यास में पुलिसवालों को
आतंकी बना हुआ दिखाया गया है। ये भी इस्लाम परस्त नारे लगाते दिख रहे हैं।
क्या हुआ था सूरत में
सूरत पुलिस द्वारा किए गए मॉक ड्रिल का एक वीडियो बुधवार को सामने आया था। इस वीडियो में पांच पुलिसवालों को कुछ व्यक्तियों को पकड़कर उन पर शिकंजा कसते हुए दिखाया गया था। इन व्यक्तियों ने मुस्लिम टोपी पहनी हुई थी।
सूरत पुलिस द्वारा किए गए मॉक ड्रिल का एक वीडियो बुधवार को सामने आया था। इस वीडियो में पांच पुलिसवालों को कुछ व्यक्तियों को पकड़कर उन पर शिकंजा कसते हुए दिखाया गया था। इन व्यक्तियों ने मुस्लिम टोपी पहनी हुई थी।
मुस्लिम संगठनों ने की माफी की मांग
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के कमल फारुकी ने कहा कि पुलिस मुस्लिम समुदाय को आतंकवादी घोषित कर रही है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए या इसके परिणाम झेलने को तैयार रहना चाहिए। फारुकी ने कहा कि वह इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे। वहीं, विशेषज्ञ इस तरह की मॉकड्रिल पर ही सवाल उठा रहे हैं। अहमदाबाद पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी एमएम मेहता ने कहा कि अगर पुराने आतंकवादी हमलों पर नजर दौड़ाएं, तो पता चलेगा कि आतंकी कभी भी मुस्लिम टोपी पहनकर या अन्य परंपरागत ड्रेस पहनकर नहीं आते। वे पहचान से बचने के लिए आम लोगों की तरह कपड़े पहनते हैं।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के कमल फारुकी ने कहा कि पुलिस मुस्लिम समुदाय को आतंकवादी घोषित कर रही है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए या इसके परिणाम झेलने को तैयार रहना चाहिए। फारुकी ने कहा कि वह इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे। वहीं, विशेषज्ञ इस तरह की मॉकड्रिल पर ही सवाल उठा रहे हैं। अहमदाबाद पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी एमएम मेहता ने कहा कि अगर पुराने आतंकवादी हमलों पर नजर दौड़ाएं, तो पता चलेगा कि आतंकी कभी भी मुस्लिम टोपी पहनकर या अन्य परंपरागत ड्रेस पहनकर नहीं आते। वे पहचान से बचने के लिए आम लोगों की तरह कपड़े पहनते हैं।
आतंकियों से निपटने की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल
गुजरात पुलिस राज्य में इसी महीने होने वाले दो बड़े कार्यक्रमों की तैयारियों के मद्देनजर इस तरह की मॉकड्रिल कर रही है। इन अभ्यासों के जरिए पुलिस यह जानना चाहती है कि उसके जवान आतंकवादी घटनाओं से निपटने में कितने सक्षम हैं। याद रहे कि गांधीनगर में अगले हफ्ते प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होने वाला है, जिससें विदेशों में रहने वाले कई प्रमुख एनआरआई शामिल होंगे। इसके बाद वाइब्रेंट गुजरात समिट होगी, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
गुजरात पुलिस राज्य में इसी महीने होने वाले दो बड़े कार्यक्रमों की तैयारियों के मद्देनजर इस तरह की मॉकड्रिल कर रही है। इन अभ्यासों के जरिए पुलिस यह जानना चाहती है कि उसके जवान आतंकवादी घटनाओं से निपटने में कितने सक्षम हैं। याद रहे कि गांधीनगर में अगले हफ्ते प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होने वाला है, जिससें विदेशों में रहने वाले कई प्रमुख एनआरआई शामिल होंगे। इसके बाद वाइब्रेंट गुजरात समिट होगी, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
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