कटिहार। बिहार के कटिहार जिले के सालेपुर गांव में रहने वाले
मोहम्मद अयूब ने बारह साल के बेटे को तारिक को लखनऊ के मदरसे में भेजा तो
अच्छी तालीम के लिए था, पर वहां मदरसे के मौलबी ने उसे दर्द दिया कि तारिक
आज तक सदमें में है।
तारिक का कसूर सिर्फ इतना सा है कि वह मौलबी द्वारा दिया गया सबक याद
नहीं कर सका था। सबक याद नहीं रहा तो मौलवी ने उसे ऐसी सजा दी, जिसके बाद
से वह सदमे में है। दो दिनों तक उसे जंजीर से खूंटे में बांध कर रखा गया।
किसी तरह वह जंजीर समेत मदरसे से भाग निकला और एक टीटी की मदद से उसी
अवस्था में घर पहुंचा।
तारिक कटिहार जिले के सालेपुर गांव में रहने वाले मोहम्मद अयूब का बेटा है। अयूब ने उसका दाखिला लखनऊ में एक मदरसे में करा रखा था। अयूब के गांव का ही एक शख्स मोहम्मद इकबाल उस मदरसे में मौलवी है। तारिक ने घर पहुंचने पर बताया कि सबक याद नहीं करने पर मौलवी ने उसके हाथ-पैर में जंजीर से खूंटे में बांध दिया।
जब मदरसे के लोग 26 जनवरी को कार्यक्रम में व्यस्त थे, तो वह भाग
निकला। परिवार वालों ने मौलवी इकबाल से टेलीफोन पर संपर्क साधा, तो उसने मोबाइल स्विच आॅफ कर दिया।
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