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09 जनवरी 2015

महिलाओं के लिए नर्क है सऊदी अरब, चार गवाह हों तो ही माना जाता है रेप




इंटरनेशनल डेस्क। सऊदी अरब में जिंदगी आसान नहीं है, खासकर महिलाओं के लिए तो बिलकुल भी नहीं। यहां के अजीबोगरीब कानून और पाबंदियां लोगों के लिए हमेशा मुश्किलें खड़ी करती रही है। यहां महिलाओं की ड्राइविंग पर रोक है और रेप जैसे अपराध में आरोपी को सजा तभी मिल सकती है, जब उसके चार चश्मदीदों हों। इसी तरह शुक्रवार को ब्लॉगर रैफी को सार्वजनिक तौर पर कोड़े मारे गए और वो 10 साल जेल की सजा काट रहा है। रैफी को सिर्फ एक ऑनलाइन फोरम चलाने पर इस्लाम के अपमान का दोषी बता दिया गया। यहां हम सऊदी अरब के ऐसे ही कुछ अजीबोगरीब कानून के बारे में बता रहे हैं।
महिलाओं के लिए नर्क है सऊदी अरब, चार गवाह हों तो ही माना जाता है रेप
अकेले सफर करने पर पाबंदी

40 साल के ऊपर की फातिमा रियाद में रहती है। वह तब तक प्लेन में बैठ नहीं सकती, जब तक उसके पास अपने बेटे द्वारा लिखित अनुमति नहीं होगी। यहां कानूनी रूप बालिग होने बावजूद महिलाओं का कोई अस्तित्व नहीं है। सऊदी में हर महिला का पुरुष अभिभावक होना चाहिए। इसमें उसके पिता से लेकर अंकल, भाई, बेटे होते हैं। किसी भी सऊदी महिला को पढ़ाई, काम, यात्रा, शादी और यहां तक डॉक्टरी जांच के लिए भी घर के पुरुष से लिखित अनुमति लेनी पड़ती है। वहीं, न्याय की बात तो भूल जाइए, बिना किसी भी पुरुष अभिभावक वो केस तक फाइल नहीं कर सकती।

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