रांची। झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनावाें के दौरान चाईबासा
के जिला जेल से मंगलवार को 15 कैदी फरार हो गए। पुलिस ने भागने वाली
कैदियों को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें दो की मौत हो गई, जबकि
अस्तपाल में भर्ती तीन की हालत गंभीर है। मारे गए कैदी नक्सलियों में से दो
की पहचान दीपा दास व रामविलास टांटी के रूप में की गई है, जबकि हार्डकोर
नक्सली जाॅनसन गंझू समेत अन्य कैदी फरार हुए हैं। घायलों के नाम हैं-
सुखराम हेसापूर्ति, करण चाकी और जोजोबारी। मामले में 14 पुलिसकर्मियों को
सस्पेंड कर दिया गया है।
कोर्ट से वापसी के क्रम में कैदियाें ने पुलिसकर्मियों की आंखों में झोंकी पाउडर मिर्च
चाईबासा मंडल कारा की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए हार्डकाेर
नक्सली समेत 15 समर्थक फरार हो गए। उन्हें भागने से रोकने के लिए जेल के
सुरक्षा गार्ड को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें जमुई का प्लाटून कमांडर
रामविलास तांती व सारंडा के हार्डकोर नक्सली टीपा दास की मौत हो गई। वहीं,
पुलिस की पिटाई से तीन नक्सली जख्मी हो गए हैं। तीनों का इलाज सदर अस्पताल
में कराया गया। हार्डकोर नक्सली जॉनसन गंझू भी भागने में सफल रहा है। घटना
मंगलवार शाम 4.15 बजे की है।
कैदियों को कोर्ट में पेशी कराने के बाद वापस जेल लाया गया था। जेल के
मेन गेट से कैदी वाहन अंदर घुसते ही कैदियों ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों
की आंखों में पाउडर मिर्च झोंक दिया था। इसके बाद वे गेट से बाहर भागने लगे
थे। इस दौरान कैदी वाहन पर सवार 15 बंदी भागने में सफल रहे। हार्डकोर
नक्सली टीपा दास व रामविलास तांती ने भी भागने की कोशिश की। जेल के ऊपर
मोर्चा पर तैनात संतरी ने फायरिंग कर दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। दोनों
छोटानागरा थाना क्षेत्र के हतनाबुरू गांव निवासी थे। एसपी नरेंद्र कुमार
सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया बंदियों को पेशी में ले जाने वाले
सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। 14 जवानों को निलंबित कर दिया
गया है।
वाहन पर सवार थे 55 कैदी
कोर्ट में सुनवाई के बाद बंदियों को मंडल कारा लाया जा रहा था। शाम
चार बजे वाहन से 40 कैदियों को जेल लाया गया। 15 मिनट बाद दूसरी गाड़ी से 55
कैदियों को लाया गया। वाहन जेल परिसर में घुसा व बंदी उतरने लगे। तभी किसी
ने पुलिसकर्मियों की आंखों में पाउडर मिर्च झोंक दिया। पुलिस जांच में पता
चला है कि वाहन में जॉनसन, हार्डकोर नक्सली सुभाष गंझू, सालुका कायम, विशु
बोदरा व रंधीर पात्रो पुलिसकर्मियों से उलझ गए थे।
2013 में अलर्ट जारी
नक्सलियों के नेता मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति ने 17 पेज का एक
पत्र जारी किया था। यह पत्र दिल्ली पुलिस के हाथ लगने के बाद 16 सितंबर
2013 को देश के गृह मंत्रालय ने नौ उग्रवाद प्रभावित राज्यों झारखंड,
छत्तीसगढ़, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, उत्तर
प्रदेश और मध्य प्रदेश को अलर्ट जारी किया था। इसमें कहा गया था कि नक्सली
अब जेल में बंद नेताओं को छुड़ाने की योजना बना रहे हैं। चाईबासा पुलिस
प्रशासन ने इस अलर्ट को भी गंभीरता से नहीं लिया और 14 माह के अंदर ही
चाईबासा जेलब्रेक की घटना हो गई।
पहले भी हो चुका है जेलब्रेक
16 जनवरी 2011 : चाईबासा जेल से तीन मोस्ट वांटेड नक्सली मोतीलाल
सोरेन, रघुनाथ हेंब्रम व मंगरू महतो सलाखों को काटकर भाग निकले थे। एक
नक्सली ओड़िशा से पकड़ा गया था।
17 अगस्त 2011 : सरायकेला मंडल कारा से नक्सली सोमरा हांसदा, डेविड
उर्फ बलराम साहू, बबलू बागची, रवि सिंह मुंडा, रखाल कांडेराम व गणेश
प्रमाणिक भाग गए थे। जांच में जेलर रमाशंकर दोषी पाए गए थे।
कौन है जॉनसन
जॉनसन उर्फ चंदर गंझू नक्सलियों का कोल्हान क्षेत्र का एरिया कमांडर
रहा है। करीब ढाई साल पहले तत्कालीन एसपी पंकज कंबोज के कार्यकाल में उसे
मनोहरपुर थाना क्षेत्र के रोंगो गांव के पास गिरफ्तार किया गया था। उसकी
पत्नी भी गिरफ्तार हुई थी। उसे मंडल कारा भेजा गया था।
जेल के अंदर बड़ा गेट खुला रह गया था : डीजीपी
डीजीपी राजीव कुमार ने कहा है कि घटना चाईबासा जेल के भीतर की है। जेल
के अंदर कैदी वाहन जाने के बाद बड़ा गेट खुला ही रह गया था। उसे बंद नहीं
किया गया था। उसी गेट से 20 कैदियों ने भागने का प्रयास किया था। उन्हें
रोकने की कोशिश की गई। जब वे नहीं माने, तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग की।
इसमें दो कैदी मारे गए, दोनों नक्सली थे। तीन घायल हुए हैं। 15 कैदी भागने
में सफल हुए हैं।
सीमाएं सील: डीआईजी
डीआईजी मोहम्मद नेहाल अहमद के अनुसार, कैदियों ने जेलब्रेक कैसे किया?
क्या पूरे प्रकरण में कोई पुलिस वाला शामिल है? कैदियों के पास पाउडर
मिर्च कहां से आई? आदि बिंदुओं पर जांच की जा रही है। कोल्हान की सीमाएं
सील कर दी गई हैं। आसपास जिलों के एसपी से स्थिति की निगरानी के लिए कहा
गया है। उन्होंने कहा कि जेल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की
लापरवाही सामने आ रही है।
मारे गए नक्सली
रामविलास तांती (जमुई का प्लाटून कमांडर) व टीपा दास (सारंडा का हार्डकोर नक्सली)
ये हुए घायल
नक्सली बिरसा हासा पूर्ति (बंदगांव), वीर सिंह हाईबुरू (कराईकेला बरंडिया निवासी) करण चाकी (सोनुवा कुदाबुरू निवासी)