हिसार. रामपाल के निजी कक्ष में उनकी बहन सहित छह सेविका रहती
थी। रामपाल के अनुयायी मनोज ने पुलिस को बताया कि रामपाल की पांच सेविका
उसके निजी कक्ष में रहती थी। इन सेविकाओं को रामपाल बहनों के नाम से
पुकारता था। इनमें रामपाल की एक बहन भी शामिल है। पुलिस पूछताछ में रामपाल
ने बताया कि आश्रम में उनकी 50 वर्षीय बहन राजबाला, जींद निवासी 55 वर्षीय
सावित्री, गांव धनाना की 22 वर्षीय नीलम, सोनीपत
की 30 वर्षीय गीता, बलजीत के बेटी बबीता और राजस्थान के अमेठ की 22 वर्षीय
टीना रहती थी। इनके अलावा कोई महिला अनुयायी रामपाल के निजी कक्ष तक नहीं
जा सकती थी।
काले व सफेद धतूरा से बनी दवाई लेता था
आश्रम में मौजूद पुरुष अनुयायियों में केवल मनोज ही रामपाल का ऐसा
सेवक था जो कि रामपाल के निजी कक्ष तक पहुंच रखता था। मनोज ने खुलासा किया
कि रामपाल के खान पान से लेकर दवाइयों तक की निगरानी उसकी देखरेख में ही
होती थी। रामपाल काला और सफेद धतूरे से बनी दवाइयों का सेवन भी करता था।
फिलहाल मनोज पुलिस रिमांड पर बरवाला पुलिस के पास है।
रामपाल के कहने पर महिलाओं बच्चों को किया था आश्रम में बंद
पुलिस और सतलोक आश्रम के निजी कमांडो के बीच टकराव होने पर काफी महिला
अनुयाइयों ने रामपाल के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। वे वहां से बच निकलना
चाहती थी। तब काफी महिलाओं और बच्चों को आश्रम के एक बड़े हाल में बंद कर
दिया गया था। जिस कारण दम घुटने से चार महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई
थी। यह खुलासा आश्रम प्रमुख रामपाल की खास राजदार बरवाला की बबीता उर्फ
बेबी ने पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में किया है।
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