कोटा। हाल ही में बीजेपी
विधायक द्वारा मेडिकल अफसर को फोन पर गाली सुनाने का मामला शांत नहीं हुआ
कि ऐसे ही दो और मामले सामने आ गए है। एक वीडियो में भाजपा एमएलए मतदाताओं
को धमका रहे हैं तो एक ऑडियो में नैनवां के पालिकाध्यक्ष प्रमोद जैन डीएसपी
वीरेंद्र सिंह जाखड़ से बदजुबानी कर रहे हैं। दोनों हा मामले व्हॉट्स एप पर
वायरल हो रहे हैं।
राजावत ने धमकाया था- वोट नहीं दिया तो सामान बाहर फिंकवा दूंगा
लाडपुरा से भाजपा विधायक भवानीसिंह राजावत का मतदाताओं को धमकाने वाला वीडियो व्हॉट्स एप पर वायरल हुआ है। वीडियो पिछले महीने नगर निगम चुनावों के दौरान 19 नवंबर का है।
जब राजावत वॉम्बे योजना में भाजपा प्रत्याशी मधु कंवर हाड़ा के पक्ष में वोट मांगने गए थे। 6 मिनट 51 सेकंड के वीडियो में राजावत एक सभा को संबोधित कर रहे हैं। जिसमें मतदाताओं को धमकाते हुए कह रहे हैं कि वोट कमल पर नहीं दिया तो जिन लोगों को यहां बसाया है, सबके घर खाली करवा दूंगा। सामान बाहर फिंकवा दूंगा। हालांकि इस वार्ड नं. 32 से हाड़ा ही चुनाव जीती थीं।
कानूनी राय लेकर जाएंगे कोर्ट
वार्ड 32 से कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में ही नहीं था। कांग्रेस प्रत्याशी मधुबाला का नामांकन गायब हो गया था। दूसरे नंबर पर रही निर्दलीय प्रत्याशी मिथलेश सिंह के बेटे विजय सिंह का कहना है कि उस समय ऐसी सूचना मिली थी, लेकिन चुनाव में व्यस्त होने तथा हमारी स्थिति काफी अच्छी होने के कारण हमने ध्यान ही नहीं दिया। अब वीडियो सामने आने के बाद वकीलों से कानूनी राय लेंगे और फिर कोर्ट में जाएंगे।
ये ऑडियो भी चर्चा में रहा
विधायक राजावत का ये ऑडियो भी चर्चा में रहा। जिसमें राजावत को उनके विधानसभा क्षेत्र के मतदाता ने टेलीफोन पर दीपावली की राम-राम के साथ ही पेयजल सप्लाई नहीं होने की शिकायत की। क्षेत्र के मतदाता का कहना था कि हाथ जोड़कर वोट मांगने तो आ जाते हो, अब मत आज्यो, न तो विरोध होवेगो, इस पर विधायक भवानी सिंह राजावत ने जवाब दिया कि अब मत दीज्यो वोट।
6 मिनट 51 सेकंड के वीडियो में राजावत ने इस तरह दिया
भाषण...'दोस्तों, आज मैं तुम सब से खरी-खरी बात करने आया हूं। हम तो लगातार
5 साल तक तुम्हें देते ही रहते हैं। जब हमारा मांगने का वक्त आता है तो
तुम में से कई लोग हमारी पीठ में छुरा घोंपते हैं, गद्दारी करते हैं, बिक
जाते हैं दारू में, पैसे में। आज पानी आ रहा है तो मेरी बदौलत आ रहा है।
रोड लाइटें जल रही हैं तो मेरी बदौलत। जब चुनाव आता है तो मैं ईमान नहीं
बेचता। मैं पैसे नहीं बांटता। मैं तो ईमानदारी से सेवा कर सकता हूं। कम से
कम 700 लोग अवैध रूप से रह रहे हैं मकानों में। जब हटाने आए, नोटिस देने आए
तो कोटा का कोई माई का लाल बचाने आया क्या। जब संकट में साथ मैं दूं और
वोट कोई पंजे पर दे रहा, किसी और पर दे रहा है। अब कान खोल कर सुन लो अब
पता चल जाता है कि वोट किसको दिया। अबके पेटी खुली और मुझे पता चल गया कि
वोट कमल पर नहीं तो कोई माई का लाल बचाने नहीं आएगा, किसी को भी नहीं रहने
दूंगा। सबके सामान बाहर फिकवाऊंगा। किसी को भी नहीं रहने दूंगा। इसलिए खाली
करवाऊंगा कि मदद तो मैं करू और तुम वोट दूसरे को दो। कमल के फूल पर वोट
दिया तो चाहे कितनी भी बड़ी ताकत आ जाए कोई भी तुम्हे यहां से हटा नहीं सकता
है। एक नहीं एक हजार लोगों के बीपीएल में कार्ड बनाऊंगा। राज मेरा है, राज
गैस सिलेंडर वालों का नहीं है, पंजे का नहीं है। सरकार मेरी है और नगर
निगम में बोर्ड भी मेरा बनेगा। आपको कसम है अपने बाल बच्चों की, मेरे साथ
गद्दारी मत करना।
चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद अपनाना पड़ता है
'वाॅम्बे योजना में 200 से 300 परिवार अवैध रूप से रहे हैं। यूआईटी द्वारा इन्हें हटाया जा रहा था, लेकिन मैंने उन्हें बचाया था। मैंने यूआईटी से कहा था कि पहले इनका पुनर्वास करो, फिर हटाना। इसी बात को मैंने चुनाव के दौरान कहा था कि किसी के बहकावे में न आएं। वोट कमल को ही दें। आजकल वोट किसे देते हैं ये पता चल जाता है। उस समय मेरे भाषण पर जनता ने तालियां बजाई थीं। कांग्रेस ने भी चुनाव के दौरान वीडियो को चुनाव आयोग तक भेजा था, लेकिन किसी ने भी तवज्जो नहीं दी। मैंने किसी को धमकाया नहीं, व्यक्तिगत किसी को टारगेट नहीं किया। अब चुनाव में तो साम-दाम-दंड-भेद सभी अपनाने पड़ते हैं।' -भवानीसिंह राजावत, विधायक
'वाॅम्बे योजना में 200 से 300 परिवार अवैध रूप से रहे हैं। यूआईटी द्वारा इन्हें हटाया जा रहा था, लेकिन मैंने उन्हें बचाया था। मैंने यूआईटी से कहा था कि पहले इनका पुनर्वास करो, फिर हटाना। इसी बात को मैंने चुनाव के दौरान कहा था कि किसी के बहकावे में न आएं। वोट कमल को ही दें। आजकल वोट किसे देते हैं ये पता चल जाता है। उस समय मेरे भाषण पर जनता ने तालियां बजाई थीं। कांग्रेस ने भी चुनाव के दौरान वीडियो को चुनाव आयोग तक भेजा था, लेकिन किसी ने भी तवज्जो नहीं दी। मैंने किसी को धमकाया नहीं, व्यक्तिगत किसी को टारगेट नहीं किया। अब चुनाव में तो साम-दाम-दंड-भेद सभी अपनाने पड़ते हैं।' -भवानीसिंह राजावत, विधायक
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