यह रोज़ा
यह इबादत
यह नमाज़
किसी
काम की नहीं
दिल दुखाया किसी का
धोखा दिया किसी को
ऐसे में
कोई भी इबादत
किसी काम की नहीं ,,,,,,,,,,,,
यह इबादत
यह नमाज़
किसी
काम की नहीं
दिल दुखाया किसी का
धोखा दिया किसी को
ऐसे में
कोई भी इबादत
किसी काम की नहीं ,,,,,,,,,,,,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)