फोटो- रोहतक की बहादुर बहनों की 'जांबाजी' का शिकार युवक सुमित और उनके परिजन।
खरखौदा (सोनीपत). देशभर सुर्खियां बटोरने वाली सोनीपत
की 'मर्दानी' बहनों की "बहादुरी' पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उनकी
"जांबाजी' का शिकार एक और युवक सामने आया है। गांव सिसाना के सुमित और उनके
परिजन शुक्रवार को मीडिया में आए। अपनी आप बीती सुनाई।
सुमित के पिता रामफूल ने बताया, "करीब छह माह पहले दोनों बहनों ने मेरे बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जबकि उस वक्त उस बस में मेरा बेटा था भी नहीं। मामले की जांच रोहतक पुलिस ने की थी। हम शरीफ लोग आरोपों से इतने आहत हुए कि सुमित का कॉलेज भी छुड़ा दिया। उस समय हमने दोनों बहनों को 20 हजार रुपए देकर अपना पीछा छुड़ाना ही बेहतर समझा।'
सुमित के पिता रामफूल ने बताया, "करीब छह माह पहले दोनों बहनों ने मेरे बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जबकि उस वक्त उस बस में मेरा बेटा था भी नहीं। मामले की जांच रोहतक पुलिस ने की थी। हम शरीफ लोग आरोपों से इतने आहत हुए कि सुमित का कॉलेज भी छुड़ा दिया। उस समय हमने दोनों बहनों को 20 हजार रुपए देकर अपना पीछा छुड़ाना ही बेहतर समझा।'
सुमित ने बताया, "गांव के स्कूल से मैंने इसी साल 64 प्रतिशत अंकों के
साथ 12वीं की परीक्षा पास की थी। रोहतक के जाट कॉलेज में बीए में दाखिला
लिया। एक दिन किसी काम से कॉलेज से जल्दी वापस आ गया। अगले दिन जब गया तो
पता चला कि उन्हीं दोनों लड़कियों ने पुलिस में शिकायत देकर मुझ पर छेड़छाड़
का आरोप लगाया है। मैं अपने पिता के साथ थाने पहुंचा। लड़कियां अड़ी रही।
हमें मजबूरन 20 हजार रुपए देकर राजीनामा करना पड़ा। सब लड़कियों की बातों काे
सच मान रहे थे, इसीलिए पैसे देकर समझौता किया।'
सुमित व उसके पिता रामफूल का कहना है कि तीन लड़के बेकसूर हो सकते हैं। क्योंकि सुमित पर भी झूठे आरोप लगाए गए थे। पिता-पुत्र कोर्ट में भी गवाही देने को तैयार हैं। वहीं लड़कियों के पिता राजेश का कहना कि कुछ लोग मामले से ध्यान हटाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। ग्रुप बनाकर उन्हें और उनके परिवार को दबाना चाहते हैं। सुमित ने उस समय मांफी मांगी थी। अब झूठी कहानी रच रहा है। उसको कोर्ट में केस कर जवाब दिया जाएगा।
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