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28 दिसंबर 2014

आसाराम पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली महिला आई सामने, किए कई खुलासे


इंदौर. आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की तलाश में रविवार सुबह सूरत पुलिस का दल इंदौर पहुंच गया। उधर, महिला सुबह ही सूरत पहुंची और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से मिली।  एसपी ओपी त्रिपाठी ने बताया रविवार सुबह सूरत पुलिस का चार सदस्यीय दल इंदौर पहुंचा।
 
उन्होंने विजय नगर पुलिस से संपर्क किया। वे क्षेत्र की उस होटल में पहुंचे जहां पीड़िता परिवार के साथ रुकी थी। स्टाफ के बयान से खुलासा हुआ दोपहर 3.30 बजे महिला ने पति व बच्चों के साथ चेक-इन किया था और 7.30 बजे चली गई। उसने कुछ मीडियाकर्मियों को बुलाया था।
बाद में वे ही उसे साथ ले गए थे। पुलिस से उसका संपर्क नहीं हो सका। सूरत पुलिस के दल ने ही बताया कि महिला सुबह सूरत में क्राइम ब्रांच पहुंच गई है। उधर, शनिवार को महिला ने न्यूज चैनल के कुछ मीडियाकर्मियों को बताया था कि वह कोर्ट में अपना बयान संशोधित करना चाहती है। इसके लिए उसने आवेदन किया था जो खारिज हो चुका है। महिला ने आपबीती बताई। 
 
15 दिसंबर को हुई थी लापता
इंदौर के एसपी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि अहमदाबाद की रहने महिला ने आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी। यह महिला 15 दिसंबर से लापता थी। गुजरात पुलिस उसकी तलाश में है। हमें महिला के इंदौर में होने की सूचना मिली थी। महिला ने इंदौर पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया है। देर रात पुलिस ने महिला को विजय नगर इलाके की एक होटल से खोज निकाला।
 
महिला ने क्या-क्या कहा
> आसाराम मामले में पीड़िता ने कहा कि गवाह पर हुए हमले से मैं डर गई थी पर, अंडर ग्राउंड नहीं हुई, मैं गुमशुदा नहीं हूं, ना ही किसी के दबाव में हूं। पुलिस सिक्योरिटी से तंग आ गई हूं। मजिस्ट्रेट के सामने बयान देना चाहती हूं, अपने वकील के संपर्क में हूं।
 
इस केस को लेकर मुझे मजिस्ट्रेट के सामने बयान देना था। लंबे समय से मेरे दिल में था कि मैं अपने बयान को मजिस्ट्रेट के सामने दूं। इसके लिए मैंने पुलिस को चिट्ठी भी लिखी, मैंने लिखा था कि मैं अपना बयान दर्ज करवाना चाहती हूं। लेकिन पुलिस ने मेरा साथ नहीं दिया। मजबूरन मुझे कोर्ट में जाना पड़ा। अपनी बात मैंने कोर्ट तक पहुंचाने के लिए वकील का सहारा लिया। इस प्रोसेस में सात से आठ दिन लगे। ऐसा सुनने में आ रहा है कि  मेरे ऊपर कोई प्रेशर है और मैं गुमशुदा हो गई हूं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है मैं कहीं नहीं गई हूं आपके सामने हूं। मुझ पर कोई दबाव नहीं है।
 
महिला ने कहा कि इस केस के बाद मुझे लगातार घर बदलना पड़ रहा है। पुलिस भी यह बात जानती है कि समाज में कोई हमारा साथ नहीं दे रहा है। हमें इसके चलते बार-बार घर बदलना पड़ रहा है। मैं पुलिस सिक्युरिटी से तंग आ चुकी हूं। मैंने कहा भी हमें सिक्युरिटी नहीं चाहिए। स्कूल में भी बच्चे पुलिसिया घेरे में रहते हैं, जिस कारण उन्हें परेशानी होती है। इन सब बातों से इतना मानसिक दबाव बढ़ गया है कि कुछ और सोच ही नहीं पाते हैं।
 
मैं आम इंसान हूं, ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं हूं। इस कारण जल्द से जल्द मैं अपने बयान देना चाहती हूं। मैंने पुलिस को इस संबंध में कहा भी था पर उन्होंने मुझे मना कर दिया। मैं अपने वकील की सहायता से इस केस में आगे बढ़ रही हूं।
 
मुझे बयान में कुछ विशेष जानकारी देनी है। यही वजह है कि मैं मजिस्ट्रेट के समक्ष ही अपना बयान देना चाहती हूं। लीगल प्रोसेस में टाइम लग रहा है, लेकिन में किसी के दबाव में नहीं हूं। में न प्रेशर में हूं और ना ही गुमशुदा हूं। मेरा काम जैसे ही खत्म होगा में आ सबके सामने आ जाऊंगी। मुझ पर  आसाराम का कोई भी दबाव नहीं है। मुझे जो बयान देना है वह मजिस्ट्रेट के समक्ष ही दूंगी।
 
आशाराम मामले में एक गवाह पर जो हमला हुआ था उससे हम लोग भी डर गए थे। हम डर जरूर गए थे पर अंडर ग्राउंड नहीं हुए हैं। मैं सूरत में रहती हूं, मेरा केस अहमदाबाद कोर्ट में चल रहा है। मेरी कोई चिंता न करे, मेरी कोई फ़िक्र न करे, में बिलकुल ठीक हूं। अपने वकील के कहे अनुसार ही चल रही हूं, वे जैसा कह रहे हैं वैसा ही कर रही हूं। मैंने हाईकोर्ट में विशेष बयान देने के लिए आवेदन दिया है।

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