खंडवा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मार्शल आर्ट में ब्लैक
बेल्ट नेशनल चैम्पियन अपने ही शिष्य द्वारा हवस का शिकार होने के बाद
फुटपाथ पर जीवन गुजार रही है। परिवारवालों ने भी उसे घर से बाहर कर दिया
है। छह माह (मार्च से सितंबर 2014) तक शोषण का शिकार हुई यह खिलाड़ी कभी
मंदिर तो कभी फुटपाथ पर रात गुजारने को विवश है। लेकिन इस खिलाड़ी का कहना
है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह लड़ती रहेगी।
शादी की बात कहने पर बंधक बनाकर पीटा
22 साल की यह लड़की मूल रूप से हरदा की रहने वाली है। उसके मुताबिक,
काठमांडू से मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेने के बाद पिछले साल 29 दिसंबर को
वह नया हरसूद पहुंची। यहां उसने सरकारी और निजी स्कूल की लड़कियों को
वीरांगना योजना के तहत मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देना शुरू किया। वह हरसूद
में निजी तौर पर भी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती थी। इस दौरान उसकी
मुलाकात नया हरसूद के सेक्टर नंबर दो निवासी संजय कनाड़िया (30) से हुई।
उसने भी मार्शल आर्ट सीखने की इच्छा जताई। पहले तो लड़की ने मना कर दिया,
लेकिन गुजारिश के बाद हामी भर दी। फरवरी 13 से अप्रैल तक उसे ट्रेनिंग
दिया।
लड़की की आपबीती
लड़की ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान संजय ने उसे शादी का झांसा देकर फंसा लिया और 25 मार्च से 2 सितंबर 2014 तक शारीरिक शोषण करता
रहा। शादी की बात कहने पर बंधक बनाकर पिटाई की। लड़की ने बताया कि जब उसे
गर्भ ठहर गया तो ढाई माह बाद संजय ने गर्भपात करा दिया। 2 सितंबर, 2014 को
हरसूद थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर
लिया है।
हालात देखकर लोग कर देते हैं मदद
पीड़ित युवती का घरवालों ने भी साथ नहीं दिया। वह दर-दर की ठोकरें खा
रही है। जींस, टी-शर्ट, हाथ में काला कड़ा और पैरों में जूती पहनी लड़की की
कहानी सुन कोई खाना खिला देता है, तो कोई चाय पिला देता है। इस तरह
जैसे-तैसे दिन बीत रहे हैं। बुधवार को सुनवाई के लिए खंडवा कोर्ट आई इस
लड़की को एक कर्मचारी ने 50 रुपए की मदद की, ताकि वह हरसूद तक बस से चली
जाए।
डेढ़ सौ वीरांगनाएं कर चुकी है तैयार :
दसवीं तक पढ़ी यह युवती 2011 में दिल्ली में मार्शल आर्ट की नेशनल
चैम्पियन प्रतियोगिता में विजेता रही। कई बार राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में
पदक जीते। मुख्यमंत्री और खेल मंत्री द्वारा सम्मानित युवती खंडवा शहर के
एक स्पोटर्स एकेडमी में जून 13 में बच्चों को ट्रेनिंग दे चुकी है। साथ ही,
हरसूद में डेढ़ सौ छात्राओं को वीरांगना योजना के तहत ट्रेनिंग दे चुकी
है।
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