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20 दिसंबर 2014

संघ प्रमुख की मोदी सरकार को चुनौती- 'घर वापसी' पसंद नहीं है तो कानून बना कर रोकें


कोच्चि. धर्मांतरण को लेकर चल रहे विवाद के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि अगर आप हिंदू नहीं बनना चाहते हैं तो हिंदुओं का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराएं। उन्‍होंने साफ कहा कि 'घर वापसी' जारी रहेगी। सरकार को एक तरह से चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा कि अगर किसी को यह पसंद नहीं है तो रोकने के लिए कानून बनाए। जबकि, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने शनिवार को ही साफ किया कि भाजपा जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर चुप हैं। कई दिनों से संसद में लगातार हंगामे के बावजूद वह कोई बयान नहीं दे रहे हैं। 
शनिवार को केरल के पलक्कड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह।
शनिवार को केरल के पलक्कड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह।
 
क्‍या बोले भागवत 
कोलकाता में हिंदू सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जो भी व्यक्ति हिंदू धर्म से भटका है, उसे घर वापस लाएंगे। अगर किसी व्यक्ति को यह पसंद नहीं तो इसे रोकने के लिए कोई कानून बनाए। उन्होंने कहा, 'हम किसी का धर्म परिवर्तन करने के लिए बाहर नहीं निकले हैं, लेकिन अगर हिंदू परिवर्तन नहीं करेंगे तो हिंदू धर्म कभी नहीं बदलेगा। हम इस मसले पर तटस्थ हैं। हम अपने लोगों को उनसे बचाएंगे जो दूसरों का सिर काटते हैं।' उन्‍होंने कहा कि अगर कोई हिंदू नहीं बनना चाहता है तो वह हिंदुओं का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराए।
 
संघ प्रमुख ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को 'भारत भूमि' कहा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 1947 में हुई घटना के कारण बना है और यह स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कई अपराध कर रहा है। बांगलादेशी घुसपैठिये कई अपराध कर रहे हैं लेकिन फिर भी हम सहन कर रहे हैं। हालांकि अब हम ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। 
 
शाह ने ये कहा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी दबाव बनाकर कराए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ है। शाह ने कहा है कि उन्होंने दूसरी पार्टियों से ऐसे धर्मांतरण पर रोक लगाने के मकसद से तैयार होने वाले विधेयक पर समर्थन मांगा है। मीडिया से बात करते हुए शाह ने कहा, "बीजेपी दबाव बनाकर करवाए गए धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाना चाहती है। इसलिए तथाकथित सेक्युलर पार्टियों को बीजेपी की इस कोशिश का समर्थन करना चाहिए।" अमित शाह केरल के दो दिनों के दौरे पर हैं। उन्होंने पलक्कड़ में पार्टी के मेगा मेंबरशिप अभियान की शुरुआत की।  

जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी अल्पसंख्यक संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है, तो उन्होंने जवाब दिया, "राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनने के बाद ही ऐसे मुद्दे पर सार्वजनिक बहस कराई जा सकती है।" 
 
हिंदू संगठनों की ओर से उत्तर प्रदेश में आयोजित किए जाने वाले घर वापसी कार्यक्रमों से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा, "यह मामला कोर्ट के सामने है। मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता।" 
धर्मांतरण के मुद्दे की वजह से संसद की कार्यवाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी पर हमले कर रहा है और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है।  
 
सूत्र बताते हैं कि बीजेपी ने मोदी के बयान की मांग को पूरी तरह से अनसुना करने का निर्णय लिया है। पार्टी ने यह फैसला एक आकलन के बाद लिया है, जिसके तहत यह माना गया कि पीएम के बयान की मांग इसलिए उठाई जा रही है, ताकि ऐसा लगे कि मोदी का अपनी पार्टी और सरकार पर कोई नियंत्रण नहीं है।

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