सहारनपुर/मुजफ्फरनगर. पश्चिमी यूपी के दो जिलों में शनिवार को
सांप्रदायिक तनाव भड़क उठा। सहारनपुर के बडूली गांव में कुछ असामाजिक
तत्वों ने शिवमंदिर में शिवलिंग और मूर्तियां तोड़ दीं। इससे गुस्साए
गांववालों ने जमकर हंगामा किया। वहीं, मुजफ्फरनगर के परासौली गांव में बीते
शुक्रवार रात शरारती तत्वों ने पुराने शिव मंदिर में पशुओं के दो कटे सिर
और मांस के टुकड़े फेंक दिए। इस घटना से भी लोगों का गुस्सा भड़क उठा।
घटनास्थल पर पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान को जनता
के आक्रोश का सामना करना पड़ा। दोनों जगह पर सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है।
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
सहारनपुर के एक गांव में शनिवार शाम मंदिर के शिव मंदिर में शिवलिंग और मूर्तियां तोड़े जाने पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद गांव में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। पुलिस ने मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है। गांव में पीएसी के साथ-साथ कई थानों की पुलिस डेरा डाल दिया है। ग्राम प्रधान सुधीर त्यागी ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
वहीं, भाजपा नेता आरोपियों की गिरफ्तारी और उन पर रासुका लगाए जाने की
मांग को लेकर मंदिर परिसर में ही धरने पर बैठ गए। देर शाम थाना नागल
क्षेत्र के गांव बडूली में गौरव मंदिर में पूजा के लिए गए थे। उन्होंने
देखा कि मां दुर्गा, हनुमान और शिवलिंग पूरी तरह से टूटे हुए थे। मंदिर
परिसर में लगा तुलसी का पेड़ भी उखड़ा हुआ था।
घटना की मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस एक पंडित और
राजमिस्त्री को लेकर गांव पहुंची। साथ ही टूटी मूर्तियों के स्थान पर नई
मूर्तियां लगाने का प्रयास किया। हालांकि, गांववालों के विरोध के चलते
पुलिस नई मूर्ति लगाने में विफल रही। गांव में तनाव को देखते हुए कई पुलिस
स्टेशन की पुलिस और पीएसी सहित एसडीएम सदर भानु प्रताप, एसपी देहात डॉ.
धर्मवीर सिंह, सीओ देवबंद सुरेशपाल सिंह सहित कई अफसर मौके पर जमा हो गए
थे।
वहीं, घटना के विरोध में भाजपा के साहब सिंह पुंडीर, बजरंग दल के
विकास त्यागी, कुलदीप सैनी, पंकज त्यागी आदि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं
ने मंदिर परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। इनका कहना है कि इस समय मल मास
शुरू हो चुका है, जो 14 जनवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक काम
नहीं होगा। साथ ही मंदिर में मूर्ति स्थापना से पहले धार्मिक अनुष्ठान किया
जाता है। इसके बाद ही विधि विधान से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होती है।मुजफ्फरनगर के परासौली गांव में बीते शुक्रवार रात शरारती तत्वों ने
पुराने शिव मंदिर में पशुओं के दो कटे सिर और मांस के टुकड़े फेंक दिए।
इससे इलाके में तनाव फैल गया। घटना की जानकारी होते ही सैकड़ों की तदाद में
लोग जमा हो गए। उन्होंने जमकर हंगामा कर दिया। इस बीच मौके पर पहुंचे
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान को जनता के आक्रोश का सामना
करना पड़ा। यहां तक की महिलाओं ने भी 'मंत्री वापस जाओ' के नारे लगाए।
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बताते चलें कि दो दिन पहले बुढ़ाना क्षेत्र के इसी परासौली गांव में एक दुर्गा मंदिर के बाहर कुछ असामाजिक तत्वों ने पशुओं की खालें लटका दी थी। वहां कुछ धार्मिक पुस्तकों के पन्नों के साथ एक धमकी भरा पत्र भी फेंका गया था। इसमें धर्म परिवर्तन नहीं करने पर बुरे नतीजे भुगतने की धमकी दी गई थी। इस मामले को लेकर गांव में तनाव के बाद प्रशासन मामले को ठंडा करने के प्रयास में लगा हुआ था।
दो दिन पहले इस मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन द्वारा शांति समिति का गठन किया गया था। बीते शुक्रवार को इस शांति समिति की मीटिंग में दोनों पक्षों के लोगों ने शांति और सद्भाव बनाए रखने पर सहमति जताई थी। इसके बावजूद बीती रात असामाजिक तत्वों ने फिर गांव में तनाव की आग भड़का दी। इस बार गांव के प्राचीन शिव मंदिर में असामाजिक तत्वों द्वारा पशुओं के दो कटे हुए सिर और मांस फेंके जाने से लोग भड़क उठे।
आरोपियों को पकड़ने की मांग करती रही भीड़
घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने मंदिर को साफ कराने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण पहले आरोपियों को पकड़ने की जिद पर अड़ी रही। वहां पहुंचे एसपी देहात आलोक प्रियदर्शी द्वारा उल्टे प्रदर्शनकारियों को धमकाने और पुलिस द्वारा धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर की गई टिप्पणी पर लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। भीड़ का कहना था कि पुलिस गांव में गश्त का दावा कर रही है। इसके बावजूद यह घटना हो गई।
बताते चलें कि दो दिन पहले बुढ़ाना क्षेत्र के इसी परासौली गांव में एक दुर्गा मंदिर के बाहर कुछ असामाजिक तत्वों ने पशुओं की खालें लटका दी थी। वहां कुछ धार्मिक पुस्तकों के पन्नों के साथ एक धमकी भरा पत्र भी फेंका गया था। इसमें धर्म परिवर्तन नहीं करने पर बुरे नतीजे भुगतने की धमकी दी गई थी। इस मामले को लेकर गांव में तनाव के बाद प्रशासन मामले को ठंडा करने के प्रयास में लगा हुआ था।
दो दिन पहले इस मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन द्वारा शांति समिति का गठन किया गया था। बीते शुक्रवार को इस शांति समिति की मीटिंग में दोनों पक्षों के लोगों ने शांति और सद्भाव बनाए रखने पर सहमति जताई थी। इसके बावजूद बीती रात असामाजिक तत्वों ने फिर गांव में तनाव की आग भड़का दी। इस बार गांव के प्राचीन शिव मंदिर में असामाजिक तत्वों द्वारा पशुओं के दो कटे हुए सिर और मांस फेंके जाने से लोग भड़क उठे।
आरोपियों को पकड़ने की मांग करती रही भीड़
घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने मंदिर को साफ कराने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण पहले आरोपियों को पकड़ने की जिद पर अड़ी रही। वहां पहुंचे एसपी देहात आलोक प्रियदर्शी द्वारा उल्टे प्रदर्शनकारियों को धमकाने और पुलिस द्वारा धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर की गई टिप्पणी पर लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। भीड़ का कहना था कि पुलिस गांव में गश्त का दावा कर रही है। इसके बावजूद यह घटना हो गई।
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