तुम ही अजीब हो
कभी दिल की धड़कने रोक देती हो
कभी महरबानी कर
दिल थाम लेती हो
तुम भी अजीब हो
कभी देती हो सजाए मोत
कभी देती हो खुशहाल ज़िंदगी का साथ
तुम भी अजीब हो कभी ख़ुशी कभी गम हो
तुम भी अजीब हो
इसीलिए तो तुम मेरी सिर्फ मेरी हो ,,,,,,तुम अजीब हो ,,,
कभी दिल की धड़कने रोक देती हो
कभी महरबानी कर
दिल थाम लेती हो
तुम भी अजीब हो
कभी देती हो सजाए मोत
कभी देती हो खुशहाल ज़िंदगी का साथ
तुम भी अजीब हो कभी ख़ुशी कभी गम हो
तुम भी अजीब हो
इसीलिए तो तुम मेरी सिर्फ मेरी हो ,,,,,,तुम अजीब हो ,,,
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