प्रसाशन ने रामपाल के सतलोक आश्रम में तोड़फोड़ शुरू कर दी है, आश्रम के बाहर फैला मलवा।
हिसार . देशद्रोह के आरोपी बाबा रामपाल
के बरवाला (हिसार, हरियाणा) स्थित सतलोक आश्रम की अवैध इमारत ब्लास्ट कर
गिराई जा सकती है। जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) हितेश शर्मा ने अपनी
रिपोर्ट में लिखा है कि आश्रम के बंगले की ऊपरी मंजिलें पोकलीन मशीन के
दायरे से बाहर हैं। ऐसे में ब्लास्ट से ही अवैध इमारत को गिराया जा सकता
है। इस रिपोर्ट पर प्रशासन ने अभी अंतिम फैसला नहीं किया है। फिलहाल आश्रम में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है।
नियमों के खिलाफ बना सतलोक:
सतलोक आश्रम का निर्माण नियमों के खिलाफ हुआ है। जिला नगर योजनाकार
विभाग ने आश्रम के बंदी छोड़ मुक्ति ट्रस्ट को निर्माण रोकने के लिए कई बार
नोटिस जारी किए थे, फिर भी निर्माण कराया गया। ट्रस्ट ने आश्रम बनाने के
लिए चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) भी नहीं ली। दरअसल, बरवाला से करीब पांच
किलोमीटर दूर जिस जगह पर आश्रम बना हुआ है, वह स्थान 17 फरवरी 2010 को
बरवाला के कंट्रोल्ड एरिया में घोषित हुआ था।
आश्रम की 30 मीटर बाउंड्री हाईवे नंबर 65 की जमीन पर भी डाल दी गई।
डीटीपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यह अवैध निर्माण आश्रम पर पुलिस
कार्रवाई में गिर चुका है, मगर बाकी सभी निर्माण यथावत है। उसे महज जेसीबी
मशीनों से नहीं गिराया जा सकता। इसके लिए पोकलीन मशीन की जरूरत पड़ेगी या
फिर उसे ब्लास्ट करके ध्वस्त किया जा सकता है।
प्राकृतिक रोशनी का इंतजाम भी नहीं
आश्रम परिसर में रामपाल के बंगले को छोड़कर बाकी जगह को चारों तरफ से
ढंका हुआ है। आश्रम पर पुलिस कार्रवाई में आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद
इतना धुआं भर गया था कि दम घुटने से महिलाओं और बच्चे की मौत हुई थी।
डीटीपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि आश्रम में प्राकृतिक रोशनी और
वेंटिलेशन का कोई इंतजाम नहीं किया गया।
12 एकड़ में खड़े किए सतलोक आश्रम की फंडिंग का राज भी अब तक फाश नहीं
हो सका है। 10 दिन में रामपाल समेत उसके खास नौ सहयोगियों के अलावा कई
समर्थकों से पुलिस बारी-बारी से पूछताछ कर चुकी है। अब पुलिस को रामपाल के
दोनों बेटों और दामाद की तलाश में है। पुलिस का मानना है कि अब इन्हीं की
गिरफ्तारी के बाद जांच आगे बढ़ सकती है। एसआईटी को शक है कि दोनों बेटे विरेंदर, मनोज और दामाद मनोज फौजी ही रामपाल की प्रोपर्टी और फंडिंग से जुड़े दस्तावेज बरामद करवा सकते हैं।
रविवार को पुलिस रामपाल को दोबारा सतलोक आश्रम में निशानदेही करवाने
के लिए लेकर पहुंची थी। इस बीच पुलिस ने रामपाल से पूछताछ भी की। पूछताछ के
बाद उसे हिसार ले जाया गया। पुलिस जैसे ही रामपाल को आश्रम से बाहर लाने
लगी तो गेट पर रामपाल ने पानी पीने की इच्छा जताई। रामपाल को पानी का जग
दिया गया।
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