आरोपी पति के साथ पीड़िता।
इंदौर, खंडवा। पति ने पत्नी पर खूब जुल्म किए। उसे पीटा, गंदा
पिलाया, रिश्तेदारों के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया। नग्न कर गांव में
भी घुमाया। पति सहित सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इन
चार महीनों में बच्चे तमाम अभावों में रहे। उनका भविष्य खराब न हो जाए इस
चिंता में मां का दिल पिघल गया। पति की जमानत के लिए वह हाईकोर्ट तक गई।
आर्थिक तंगी थी। रुपयों के इंतजाम के लिए उसने एक जोड़ी बैल भी बेच दी। इससे
मिले रुपयों से पति को जमानत पर छुड़ा लाई। कड़वे अनुभव को भुलाकर अब वह पति
के साथ ही गांव में मजदूरी कर बच्चों पालन-पोषण कर रही है।
मध्य प्रदेश में खंडवा जिले में पिपलौद थाना का भिलाईखेड़ा गांव इस
साल 13 जून को उस समय सुर्खियों में आया था जब एक महिला ने पति और उसके
रिश्तेदारों पर सामूहिक दुष्कर्म और मारपीट कर गांव में नग्न घुमाने का
आरोप लगाया। तब मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
ने तृणमूल कांग्रेस की एक टीम भी भेजी थी। राज्य व राष्ट्रीय महिला आयोग
सहित तमाम सामाजिक संगठनों ने घटना का कड़ा विरोध किया था। मामले को
गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इधर महिला का इलाज खंडवा के जिला अस्पताल में एक सप्ताह तक चला। इस
बीच महिला के छोटे बच्चे पिता के लिए रोने लगे। बच्चों की तड़प देखकर हुए
महिला ने पति को जेल से छुड़ाने का निश्चय किया। पति चार महीने से जेल में
था। घर की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब थी। महिला ने अपनी एक जोड़ी बैल भी
बेच दी। पति की जमानत के लिए हाईकोर्ट गई।
लेकिन जेल से छूटने के बाद भी पति को कोई पछतावा नहीं दिख रहा। उसने
कहा कि जो भी हुआ वह दोनों की गलती से हुआ, अब भविष्य में कभी नहीं होगा।
हमने सोचा भी नहीं था कि हमारी गलतियों के कारण बच्चे फुटपाथ पर जाएंगे।
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