(प्रतीकात्मक तस्वीर)
हिसार/पानीपत. रामपाल का भांडा फूटने के बाद हरियाणा में चल
रहे आश्रमों और डेरों से जुड़े और भी विवाद सामने आ रहे हैं। श्रीकृष्ण
प्रणामी आश्रम में रहने वाली एक नाबालिग ने आश्रम की साध्वी पर समलैंगिक
विवाह करने और अप्राकृतिक यौनाचार करने का आरोप लगाया है। वहीं हत्या और
दुष्कर्म मामले में डेरा सच्चा सौदा मुखी संत गुरमीत राम रहीम सिंह
हाईकोर्ट के चंगुल में फंसते नजर आ रहे हैं। रामपाल पर भी शिकंजा कसता जा
रहा है। पुलिस अब रामपाल के नक्सलियों से संबंध होने का पता लगा रही है।
श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम- 'साध्वी से समलैंगिक विवाह कराया'
चरखी दादरी में 12 साल से चल रहा श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम नए आरोप में
घिर गया है। लंबे समय तक आश्रम में रही नाबालिग छात्रा ने यहां की मुख्य
साध्वी ने एक सहायक साध्वी के साथ उसका समलैंगिक विवाह कराया और अप्राकृतिक
यौनाचार किया गया। छात्रा ने यह बयान 29 नवंबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष
दिए। पुलिस ने इन बयानों पर कार्रवाई करने की बजाय 28 तारीख को डीएसपी के
समक्ष दिए गए बयान के आधार पर साध्वी के खिलाफ सिर्फ वशीकरण की धारा लगाई।
रविवार को साध्वी की गिरफ्तारी हुई और जमानत भी मिल गई। मामले में नया मोड़
तब आया जब चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और शिखर चेतना संगठन ने सोमवार को आरोप
लगाया कि पुलिस ने लड़की के बयान के हिसाब से धाराएं नहीं लगाई।
लड़की बोली-मुझे साध्वी के साथ पत्नी की तरह रखा गया
पीड़ित लड़की ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया कि वह मई 2013 से आश्रम
के सिलाई केंद्र से जुड़ी हुई है। नवंबर 2013 में मुख्य साध्वी ने भगवान
श्रीकृष्ण को साक्षी मानते हुए उसका समलैंगिक विवाह 22 वर्षीय सहायक साध्वी
के साथ करा दिया। इसके बाद मुख्य साध्वी ने उन्हें पति पत्नी के रूप में
रहने का आदेश दिया। उसे कॉलेज जाने के लिए रोका गया।
पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं : राजबाला श्योराण
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी)की चेयरपर्सन राजबाला श्योराण ने
बताया कि पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, वो लड़की के बयान से अलग हैं। लड़की
ने कमेटी के समक्ष लिखित बयान दर्ज कराकर अपने साथ आश्रम में अप्राकृतिक
यौनाचार की बात कही है। इसलिए सीडब्ल्यूसी ने एसपी और संबंधित थाना प्रभारी
को लड़की के बयान के आधार पर धाराएं लगाने का आग्रह किया है।
दोबारा से कराई जाएगी मामले की जांच: एसपी
एसपी अश्विन शैणवी का कहना है कि आश्रम में नाबालिग लड़की को वशीकरण कर
बंधक बनाए जाने के मामले में अब तक हुई जांच में यौनाचार संबंधी कोई बात
सामने नहीं आई है। लड़की के मेडिकल में भी इस तरह का कोई तथ्य सामने नहीं
आया है। फिर भी मामला नाबालिग लड़की से जुड़ा हुआ है, इसलिए पुलिस इसकी
दोबारा से जांच कराएगी।
सतलोक का सच- रामपाल का नक्सली लिंक पता लगाने के लिए सात दिन का रिमांड
रामपाल का रिमांड 7 दिन और बढ़ गया है। 18 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद
तीसरी बार रिमांड बढ़ा है। पुलिस ने कोर्ट में आश्रम के दस्तावेज की
बरामदगी और फंडिंग के स्त्रोत का पता लगाने के लिए रिमांड मांगा। पुलिस का
कहना है कि रामपाल के कुछ सहयोगियों का पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।
रामपाल के कई सहयोगी बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ के रहने वाले है। पुलिस
को आशंका है कि ये लोग किसी नक्सली या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो
सकते हैं।
रामपाल के खिलाफ तीन और धाराएं
रामपाल पर तीन और धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इनमें झगड़ा,
सरकारी ड्यूटी में बाधा डालना, आपराधिक बल का प्रयोग करना शामिल है। पुलिस
ने रामपाल को सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी प्रतीक जैन की अदालत में पेश
किया।
नहीं मिल रहे जमानती
देश के विभिन्न हिस्सों से रामपाल का सत्संग सुनने सतलोक आश्रम में
अाए जेल में बंद रामपाल के अनुयायी अब कानूनी दांवपेंच में फंस गए हैं। जेल
में बंद करीब 909 अनुयायियों को जमानत तो दूर की बात है, पहले जमानती और
शिनाख्ती की समस्या इनके सामने खड़ी हो गई है।
अनुयायियों के परिजन कह रहे है कि जमानत के लिए अर्जी तो लगा दे लेकिन जमानती और शिनाख्ती कहां से लेकर आएंगे।
सच्चा सौदा- डेरा मुखी की सुनवाई से दूसरे जज का भी इनकार
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुखी संत गुरमीत राम रहीम सिंह की अपने
पक्ष में गवाही कराने की अनुमति दिए जाने की मांग संबंधी याचिका पर सोमवार
को जस्टिस सबीना ने इंकार कर दिया। सुनवाई से हटते हुए जज ने केस को रेफर
टू अदर बेंच कर दिया। इससे पहले जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने सुनवाई से
इंकार कर दिया था।
डेरा मुखी ने हत्या और दुष्कर्म मामले में अपने पक्ष में गवाहों को पेश करने की मांग की है। याचिका में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की है जिसमें उनकी इस मांग को दरकिनार कर दिया गया था। डेरा मुखी का कहना है कि वे खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अपने पक्ष में कुछ लोगों की गवाही करवाना चाहते हैं लेकिन सीबीआई कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी और मांग को खारिज कर दिया। पहले गुरुवार को जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने मामले की सुनवाई से हटते हुए केस को रेफर टू अदर बेंच कर दिया। इसके बाद अब सोमवार को जस्टिस सबीना ने केस को रेफर टू अदर बेंच कर दिया।
डेरा मुखी ने हत्या और दुष्कर्म मामले में अपने पक्ष में गवाहों को पेश करने की मांग की है। याचिका में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की है जिसमें उनकी इस मांग को दरकिनार कर दिया गया था। डेरा मुखी का कहना है कि वे खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अपने पक्ष में कुछ लोगों की गवाही करवाना चाहते हैं लेकिन सीबीआई कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी और मांग को खारिज कर दिया। पहले गुरुवार को जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने मामले की सुनवाई से हटते हुए केस को रेफर टू अदर बेंच कर दिया। इसके बाद अब सोमवार को जस्टिस सबीना ने केस को रेफर टू अदर बेंच कर दिया।
इधर, डेरे की सफाई-नहीं दी जाती अस्त्र शस्त्र ट्रेनिंग
डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता डॉ पवन इंसां ने कहा कि डेरा में किसी
तरह की कोई अस्त्र शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी जाती है। डेरा सच्चा
सौदा खुली किताब है, जहां कोई भी किसी भी जगह आ जा सकता है। डेरा सच्चा
सौदा की पाक साफ छवि को बदनाम करने की साजिशें बहुत समय से चल रही हैं।
वर्ष 1948 से स्थापित डेरा के वर्तमान प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह के
निर्देशन में 104 मानवता भलाई के कार्य किए जा रहे हैं। डेरा में शाह सतनाम
जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग हैं, जिसके करीब 70,000 सेवादार हैं।
क्यों देनी पड़ी सफाई
रामपाल के सतलोक आश्रम में हथियार व बारूद मिलने पर पंजाब एवं हरियाणा
हाईकोर्ट ने हैरानी जताई थी। इसी संदर्भ में हाईकोर्ट ने सिरसा स्थित डेरा
सच्चा सौदा के खिलाफ जनहित में सुनवाई करने के फैसला लिया है। जस्टिस एम
जियापॉल व जस्टिस दर्शन सिंह की खंड पीठ ने इसके लिए कार्यवाहक चीफ जस्टिस
को अलग से जनहित में सुनवाई के लिए केस भेजा है।
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