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13 दिसंबर 2014

देशद्रोह का केस: मेहदी का 5.5 लाख का था पैकेज, 60 जीबी का इंटरनेट कनेक्‍शन

देशद्रोह का केस: मेहदी का 5.5 लाख का था पैकेज, 60 जीबी का इंटरनेट कनेक्‍शन
 
बेंगलुरु: आईएसआईएस के लिए टि्वटर हैंडल चलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 24 साल के मेहदी मसरुर के खिलाफ पुलिस ने देश के खिलाफ जंग छेड़ने का मामला दर्ज किया है। पुलिस का दावा है कि मेहदी ने आईएसआईएस के लिए टि्वटर हैंडल ऑपरेट करने की बात कबूल कर ली है। कर्नाटक के डीजीपी ने शनिवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मामले में मिली जानकारी शेयर की। डीजीपी के मुताबिक, मेहंदी मसरुर पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। वह कॉलेज प्लेसमेंट के जरिए 2012 में बेंगलुरु आया था और वहां एक बड़ी फूड कंपनी में बतौर मार्केटिंग एग्जेक्यूटिव काम कर रहा है। उसका पैकेज 5.5 लाख रुपए सालाना का है। उसने 60 जीबी का इंटरनेट कनेक्‍शन ले रखा था।
 
कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं 
पुलिस के मुताबिक, मेहदी का पूर्व में कोई क्रिमिनल रेकॉर्ड नहीं है। वह सिर्फ साइबर वर्ल्ड में ही एक्टिव है। दिन में ऑफिस में सामान्य जीवन बिताने के बाद वह रात में ट्वीट करता था। इसके अलावा, वह कुछ अंग्रजी बोलने वाले आईएसआईएस आतंकियों से बातचीत कर चुका है। यह भी पता चला है कि वह आईएसआईएस जॉइन करना चाह रहे लोगों की मदद करता था। उसके पास से दो मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए गए हैं। 
 
ब्रिटेन के चैनल 4 ने खुलासा किया था कि आईएसआईएस के लिए टि्वटर हैंडल करने वाला एक भारतीय है। चैनल ने मेहदी की पहचान छिपाते हुए उससे हुई बातचीत भी सार्वजनिक की थी। इसके बाद ही भारतीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हुईं और शनिवार को मेहदी गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले मेहदी ने चैनल 4 को दोबारा से इंटरव्यू दिया। इसमें उसने कहा कि उसे पता है कि वह जल्द ही गिरफ्तार हो जाएगा। मेहदी ने कहा- मुझे शक है कि जब पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आएगी तो वह मुझे मार देगी। इसके बाद वह कहेगी कि मैंने उन्हें ही मारने की कोशिश की थी। लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं गिरफ्तारी से नहीं बचूंगा। मेरे पास कोई हथियार नहीं है। मेरा विरोध करने का कोई इरादा नहीं है।
 
पूरा इंटरव्यू 
रिपोर्टर : तुम्हे ऐसा क्यों लगता है कि तुम गिरफ्तार हो जाओगे?
मेहदी : मीडिया में कह रहे हैं कि मेरी तलाश की जा रही है। मैं जानता हूं कि 24 घंटे के अंदर वे मुझ तक पहुंच जाएंगे।
 
रिपोर्टर : तो क्या तुम्हे लगता है कि तुमने कुछ गलत किया है?
मेहदी : नहीं। मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। मैंने भारत या उसके किसी सहयोगी देश के खिलाफ जंग नहीं छेड़ी है। मैंने सिर्फ यही कहा है कि लोग मुझे फॉलो कर रहे हैं। तो मैंने भी उन्हें फॉलो किया और हमने बातचीत की। मैं यही जानता हूं कि आईएस के लड़ाके और उनसे हमदर्दी रखने वाले लोग अपने ट्वीट में क्या कहते हैं।
 
रिपोर्टर : लेकिन तुम तो ट्रेंड कर रहे हो? ऐसा क्यों हो रहा है?
मेहदी : मुझे लगता था कि एक-दो घंटे में यह खबर खत्म हो जाएगी। लेकिन यह बढ़ती जा रही है। मुझे यकीन नहीं हो रहा। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पहली बार अंग्रेजी में बात कर सकने वाला कोई मुस्लिम दुनियाभर में संदेश फैला रहा है। इसी से मुस्लिमों के दुश्मनों को तकलीफ हो रही है।
ब्रिटेन के चैनल 4 ने मेहदी की पहचान छिपाते हुए उससे हुई बातचीत सार्वजनिक की थी। पढ़ें, क्या कहा था मेहदी ने 
 
 
तुमने कभी आईएसआईएस जाने के बारे में सोचा?
- अगर मुझे यहां सबकुछ छोड़कर आईएस के पास जाने का मौका मिला हाेता तो शायद मैंने फैसला कर लिया होता।
 
तो किस बात ने तुम्हे रोका?
- मेरे परिवार ने। मेरे घर के लोगों को मेरी जरूरत है। वे मुझ पर निर्भर हैं। इसलिए मैं नहीं जा सकता।
 
तो क्या तुम आईएस के तरीकों से सहमत हो?
- नहीं। सारे तरीकों से नहीं। लेकिन अधिकतर तरीकों से रजामंद हूं।
 
किन तरीकों से सहमत हो? सिर कलम करने के तरीकों से?
- सिर कलम करने का जिक्र कुरान में भी है। मैं नहीं मानता कोई ईमानदार मुस्लिम यह कहेगा कि वह सिर कलम करने के तरीके के खिलाफ है।
 
क्या तुम ईमानदार मुस्लिम हो?
- मैं ईमानदार मुस्लिम बनने की कोशिश करता हूं। लेकिन मैं यकीन से यह नहीं कह सकता कि मैं ईमानदार मुसलमान हूं।
अपने ट्विटर हैंडल के बारे में क्या कहोगे?
- कोई मुझे फॉलो करता है तो इसके ये मायने नहीं है कि मैं आईएसआईएस की तरफ जा रहा हूं। कोई कट्‌टरपंथी क्यों हो जाता है, इसकी साफ वजहें हैं।
 
 
अखबार से भी की बात 
शुक्रवार रात मेहदी मसरूर बिस्वास ने एक अंग्रेजी अखबार को बेंगलुरु से फोन पर बताया था कि उसे पुलिस का डर सता रहा है। 24 साल के बिस्वास ने बताया कि उन्होंने ब्रिटेन के चैनल 4 को बस इतना कहा था कि सिर कलम करना इस्लाम का अंग है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह सिर कलम करने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा- चैनल ने मेरा इंटरव्यू दिखा कर मामले को पेचीदा बना दिया है। पुलिस अब मेरा पीछा कर रही है और मैं डरा हुआ हूं। मेहदी के मुताबिक, उनका आईएसआईएस से कोई लेना-देना नहीं है। मेहदी ने कहा कि इंटरव्यू के बारे में मैंने अपने ऑफिस में नहीं बताया है और इसलिए वे लोग मेरे बारे में गलत सोच रहे होंगे। 
 
क्या है आरोप
मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले मेहदी का कहना है कि उनका टि्वटर अकाउंट हैक हो गया था। लेकिन चैनल 4 के मुताबक, मेहदी शमी विटनेस नाम के टि्वटर अकाउंट से रोजाना ट्वीट्स करता है। इस अकाउंट से किए गए ट्वीट्स महीने में 20 लाख बार देखे जाते हैं। अकाउंट के करीब 18 हजार फॉलोअर्स हैं। यह जिहादी नेटवर्क, आईएसआईएस समर्थकों और इससे जुड़े रिक्रूटमेंट का बड़ा स्रोत है। चैनल के मुताबिक, आईएसआईएस के लिए लड़ रहे करीब दो-तिहाई लड़ाके इस अकाउंट को फॉलो करते हैं। इस वजह से यह आईएसआईएस के सबसे प्रभावी सोशल मीडिया अकाउंट में से एक है। 
माता-पिता बोले, निर्दोष है बेटा
कोलकाता के बिमान नगर में उसके माता-पिता भी इस खुलासे के बाद परेशान हैं। उसके पिता होम्योपैथी के डॉक्टर हैं जबकि मां हाउसवाइफ हैं। उसके पिता मेकैल बिस्वास ने कहा कि मुसलमान होने के कारण हमें आसानी से आतंकी ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनका पुत्र निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है। इस बीच, जांच एजेंसियां उसके कोलकाता स्थित कॉलेज में उसके संपर्कों की जांच-पड़ताल कर रही हैं।
- व्हाइट विडो : यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट
३० वर्ष की इस कुख्यात आतंकी का नाम समांथा लीथवेट है। वह ७ जुलाई २००५ को लंदन में आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले जर्मेन लिंडसे की विधवा थी। उस वक्त वह लंदन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही थी। इस हमले में ५२ लोग मारे गए थे। समांथा बाद में सोमालियाई आतंकी संगठन अल-शबाब से जुड़ी। २०१३ में नैरोबी के मॉल पर हुए हमले के पीछे भी समांथा का ही हाथ था। सितंबर में वह आईएस में शामिल हो गई। उसके मारे जाने की भी खबरें आईं लेकिन बाद मंे पाया गया कि वह नए पति के साथ दक्षिणी सोमालिया में रह रही है। और आत्मघाती दस्तों को ट्रेनिंग दे रही है।
 
- जिहादी जॉन : रैपर और ग्रेजुएट
यह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले की गला रेतकर हत्या करने के बाद सुर्खियों में आया। इस २३ वर्षीय आतंकी को 'जिहादी जॉन' नाम से पुकारा जाता है। उसका असली नाम अब्देल माजेद अब्देल बारी है। वह लंदन का रहने वाला है और ग्रेजुएट है। किसी जमाने में रैपर हुआ करता था। बीते साल जिहाद करने की जिद में वह अपना अच्छा-खासा म्यूजिक करियर छोड़ कर सीरिया चला गया था। उसके फेसबुक अकाउंट पर ऐसी कई तस्वीरें हैं, जिनसे अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि आखिर बारी जिहादी कैसे बन गया।
 
- डगलस मैक्केन : रैपर और ग्रेजुएट
अमेरिका में जन्मा ३३ वर्षीय डगलस मैकऑथर मैक्केन रैपर था जो गाना गाकर अच्छी कमाई कर लेता था। उसने सैन डिएगो से ग्रेजुएशन किया था। २००४ में उसने इस्लाम धर्म कबूल किया। जून में किसी ने उसे जिहाद के लिए प्रेरित किया और वह आईएस में शामिल हो गया। अगस्त में वह सीरिया में आईएस की तरफ से लड़ते हुए मारा गया।
 
- अरीब मजीद : इंजीनियरिंग का छात्र
मई मुंबई के कल्याण से चार युवक अरीब मजीद, शाहीम टंकी, फहाद शेख और अमन टंडेल हज के लिए रवाना हुए। लेकिन वहां से लापता हो गए। चारों इंजीनियरिंग के छात्र थे। अरीब ने बाद में फोन कर अपने परिवार को बताया कि वह आईएस में शामिल होने इराक जा रहा है। २८नवंबर को अरीब भारत लौट आया। एनआईए से पूछताछ में उसने बताया कि उसने मुंबई के नजदीक पनवेल में आतंकी ट्रेनिंग ली थी। आईएस से जुड़ने के बाद उसने अमेरिकी और सीरियाई बलों के खिलाफ कई मिशन में हिस्सा भी लिया। लेकिन मोहभंग होने पर भारत लौट आया। वह अभी पुलिस हिरासत में है।
 
- जॉन मैग्युरे : यूनिवर्सिटी ड्रॉपआउट
कनाडा का यह नागरिक जॉन मैग्युरे ओटावा यूनिवर्सिटी से ड्रॉपआउट है। वह आईएस में कुछ महीने पहले शामिल हुआ था। उसने नाम बदलकर अबु अनवर अल कनाडी रख लिया था। ७ दिसंबर को उसने वीडियो जारी कर कनाडा के लोगों को धमकी दी कि वे आईएस का साथ दें, अन्यथा उनकी हत्या कर दी जाएगी। क्यूबेक और ओटावा में कनाडा के दो सैनिकों की हत्या के पीछे भी उसी का हाथ माना जाता है।
 
- यासीन भटकल : पुलिस अफसर बनने का ख्वाब
२०१३ में पुलिस गिरफ्त में आए इंडियन मुजाहिदीन के सरगना यासीन भटकल का सपना पुलिस अफसर बनने का था। अपनी गिरफ्तारी के वक्त उसने खुफिया एजेंसियों को बताया था कि वह इंजीनियर है। उसने कर्नाटक के एक पुलिस अफसर को बताया था कि वह कैसे एक जिम में उनसे मिला था और पुलिस की वर्दी पहनने का ख्वाब रखता था।
 
- शिराज अहमद : इकोनॉमिक्स में एमए
कश्मीरी आतंकी शिराज अहमद हाल ही में जम्मू कश्मीर के त्राल में मुठभेड़ में मारा गया। वह इकोनॉमिक्स में एमए था। उसने नेट भी क्वालिफाई कर ली थी। और पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा कर रहा था। घर में तंगी थी तो आतंकी बन गया।

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