नई दिल्ली । काले धन पर पहला बड़ा खुलासा हुआ है। एसआईटी की
रिपोर्ट के मुताबिक, स्विस बैंक में 339 भारतीयों के खातों में 4,479 करोड़
रुपए का काला धन है। जबकि देशभर में 14,958 करोड़ रुपए की बेहिसाबी संपत्ति
है। एसआईटी ने काला धन रोकने के लिए 13 कड़े प्रावधानों की सिफारिश भी की
है। एसआईटी की सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट का एक हिस्सा सरकार ने
शुक्रवार को जारी किया। इसके मुताबिक, फ्रांस सरकार ने एचएसबीसी की जेनेवा
ब्रांच के 628 भारतीय खाताधारकों के नाम दिए थे। इनमें से 79 के खिलाफ आयकर
विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। 289 खातों में कुछ भी बैलेंस नहीं मिला
है। 201 खाताधारक अप्रवासी हैं या उनका कोई अता-पता नहीं है। खातों की अब
तक की जांच में 2,926 करोड़ रुपए की अघोषित आय सामने आई है। इन पर तय नियमों
के मुताबिक टैक्स और उस पर ब्याज चुकाने के आदेश जारी हुए हैं। जबकि देश
में आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय समेत अन्य एजेंसियां 14,957.95 करोड़ की
बेहिसाबी संपत्ति की जांच कर रही है।
सबसे ज्यादा गड़बड़ियां माइनिंग में :
राजस्व खुफिया निदेशालय के मुताबिक लौह अयस्क निर्यात के 31 केस हैं।
इनमें से 11 पार्टियों ने अंडरवैल्यूएशन स्वीकार किया है। 116.73 करोड़ रुपए
का भुगतान भी किया है। अन्य मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
ओडिशा में 400 करोड़, कर्नाटक में 995.97 करोड़, झारखंड में 452.43 करोड़ और
आंध्र प्रदेश में 1093.10 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है या जब्त करने
की कार्रवाई चल रही है।
एसआईटी की सिफारिशें :
- कैश रखने और साथ लाने-ले जाने की सीमा 10-15 लाख रुपए तय हो।
- कैश के लिए पैन कार्ड का उल्लेख करना अनिवार्य किया जाए।
- एक लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान सिर्फ चैक से किया जाए।
- 50 लाख से ज्यादा की कर चोरी को अपराध माना जाए। ताकि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सके।
- एक्सपोर्ट/इम्पोर्ट आंकड़ों में गड़बड़ी की जांच के लिए संस्था बनाई जाए। जो अन्य देशों से आंकड़ों का मिलान करे।
- शिपिंग बिल्स में एक्सपोर्ट होने वाले सामान और मशीनरी का अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य होना चाहिए।
- यदि कानून का उल्लंघन कर किसी व्यक्ति या कंपनी ने विदेश में संपत्ति खरीदी है तो फेमा में प्रावधान होना चाहिए। इससे उतने ही मूल्य की देश में मौजूद संपत्ति को जब्त किया जा सके।
- फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट और लॉ एन्फोर्समेंट अथॉरिटीज समेत इस मामले में शामिल सभी पक्षों में लगातार बातचीत होना चाहिए।
- जहां ईडी ने संपत्ति जब्त की है और आयकर वसूला जाना है तो विभाग को जब्त की गई संपत्ति से बकाया वसूली का अधिकार दिया जाए।
- सेंट्रल केवायसी रजिस्ट्री बनाई जाए, ताकि वित्तीय लेन-देन में मल्टीपल आइडेंटिटी हटाई जा सके।
- आयकर के 5000 पेंडिंग मामलों की सुनवाई के लिए मुंबई में अतिरिक्त 5 सीजेएम अदालतें बनाई जाए।
एक्सपोर्ट/इम्पोर्ट, पोंजी स्कीम्स से पैदा हो रहा है काला धन
एसआईटी का कहना है कि माइनिंग, पोंजी स्कीम्स, लौह अयस्क एक्सपोर्ट,
एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट रूट के दुरुपयोग के जरिए काला धन बनाया जा रहा है।
गुजरात और महाराष्ट्र में खास तौर पर आंगडिय़ा (बड़ी-बड़ी जैकेटों में
नोटों के बंडल भरकर ले जाने वाले) बड़े पैमाने पर पैसा लेकर चलते हैं।
बेहिसाब पैसे के ट्रांसफर में इनकी भूमिका सबसे बड़ी है।
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