नई दिल्ली। कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
से पूछताछ होने से पहले उनकी सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम से
सीबीआई ने सवाल-जवाब किए हैं। चिदंबरम से हाल ही में यह पूछताछ 3500 करोड़
रुपए के एयरसेल-मैक्सिस मामले में हुई। एयरसेल-मैक्सिस सौदा 2006 में हुआ
था।
क्या था पूछताछ का आधार
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक चिदंबरम को 2006 में वित्त मंत्री होने के नाते 600 करोड़ रुपए तक के विदेशी निवेश वाले सौदे को ही मंजूरी देने के अधिकार थे। जबकि एयरेसल-मैक्सिस सौदा 3000 करोड़ रुपए का था। चिदंबरम से ये सवाल-जवाब किए गए कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर कैसे सौदे को मंजूरी दी? तब इस सौदे को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ही मंजूर कर सकती थी। इस समिति के तत्कालीन अध्यक्ष मनमोहन सिंह थे।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक चिदंबरम को 2006 में वित्त मंत्री होने के नाते 600 करोड़ रुपए तक के विदेशी निवेश वाले सौदे को ही मंजूरी देने के अधिकार थे। जबकि एयरेसल-मैक्सिस सौदा 3000 करोड़ रुपए का था। चिदंबरम से ये सवाल-जवाब किए गए कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर कैसे सौदे को मंजूरी दी? तब इस सौदे को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ही मंजूर कर सकती थी। इस समिति के तत्कालीन अध्यक्ष मनमोहन सिंह थे।
चिदंबरम ने कहा- पहले भी दे चुका हूं सफाई
इस बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘सीबीआई ने उनका छोटा बयान दर्ज किया है। मैंने वही बात कही जो मैं पहले मीडिया को दिए बयान में कह चुका हूं।’ चिदंबरम ने सितंबर में दिए बयान में कहा था कि अतिरिक्त सचिव और सचिव के स्तर के अधिकारियों ने उनसे नियमों के तहत ही सौदे को मंजूरी देने को कहा था। ऐसा ही किया गया। इसकी फाइल विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की तरफ से आई थी।
इस बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘सीबीआई ने उनका छोटा बयान दर्ज किया है। मैंने वही बात कही जो मैं पहले मीडिया को दिए बयान में कह चुका हूं।’ चिदंबरम ने सितंबर में दिए बयान में कहा था कि अतिरिक्त सचिव और सचिव के स्तर के अधिकारियों ने उनसे नियमों के तहत ही सौदे को मंजूरी देने को कहा था। ऐसा ही किया गया। इसकी फाइल विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की तरफ से आई थी।
सीबीआई दाखिल कर चुकी है चार्जशीट
सीबीआई के मुताबिक पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने चेन्नई के टेलीकॉम प्रमोटर सी. शिवशंकरन पर दबाव बनाया कि वे एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी को मैक्सिस समूह को बेच दें। इस तरह मारन ने मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को मदद पहुंचाई थी। सीबीआई इस मामले में दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मामला सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है।
सीबीआई के मुताबिक पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने चेन्नई के टेलीकॉम प्रमोटर सी. शिवशंकरन पर दबाव बनाया कि वे एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी को मैक्सिस समूह को बेच दें। इस तरह मारन ने मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को मदद पहुंचाई थी। सीबीआई इस मामले में दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मामला सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है।
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