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04 दिसंबर 2014

208 रुपए लीटर बिका बाबा का देसी घी, आश्रम का राशन 36.5 लाख में नीलाम

फोटो- सतलोक आश्रम के राशन की नीलामी के दौरान लगी भीड़ को नियंत्रित करते पुलिसकर्मी।
 
हिसार. बाजार में भले ही डिब्बाबंद देसी घी की कीमत 400 रुपए प्रति लीटर हो। रामपाल के सतलोक आश्रम से बरामद घी की बोली 208 रुपए लीटर ही लगी। आश्रम से 519 टीन (15 किलो) आईपीएल डेयरी फ्रेश घी बरामद हुआ था। इसकी  बोली 2500 रुपए से शुरू होकर 3120 रुपए प्रति टीन पर खत्म हुई। आश्रम में जमा 28 खाद्य सामग्रियों में से 27 आइटम को 25 बोली दाताओं ने छुड़वा लिया। बोली में कुल 117 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया।
 
रामपाल के आश्रम का राशन 36.5 लाख में नीलाम
रामपाल के सतलोक आश्रम में रखी खाद्य सामग्री 36.5 लाख रुपये मे नीलाम हो गई। बोली लगाने का काम गुरुवार सुबह 11 बजे होना था लेकिन यह काम डेढ घंटे बाद शुरू हुआ। वहीं, दो घंटे का समय बोली में भाग लेने आए लोगों को समझाने में बीत गया। पहली बोली दोपहर तीन बजे शुरू हुई। इससे पहले 117 बोली लगाने वाले लोगों से सिक्योरिटी के तौर पर 50-50 हजार रुपये जमा करवाए गए। सिक्योरिटी की राशि प्रशासन द्वारा पहले से घोषित न होने व यह राशि कैसे जमा होगी इस पर भी संशय बना रहा। बोली लगावाने के लिए एसडीएम प्रशांत अटकान की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। बता दें कि जो राशन आश्रम से नीलाम किया गया है वह 2 हजार साधारण परिवारों के लिए एक माह तक का रसोई का खर्च है। सबसे अधिक राशि चीनी व देशी घी की बोली से मिली है। घी बाजार भाव से काफी कम में बोली दाता ने खरीदा है। 
 
65 रुपए किलो वाला चावल 42 में
6 कट्टे बासमती चावल (चार पैकेट प्रति कट्टा) की बोली 25 रुपए प्रति किलोग्राम से शुरू होकर 42 रुपए प्रति किलोग्राम पर समाप्त हुई। बाजार भाव 65 रुपए है।   37 कट्टे चायपत्ती (25 किलोग्राम प्रति कट्टा) की बोली 120 रुपए प्रति किलोग्राम पर खत्म हुई। बाजार में इस किस्म की चाय की कीमत करीबन 150 रुपए है।  55 बैग बेसन 15 रुपए किलो बिका जबकि बाजार में यह 35 रुपए किलो है। 60 रुपए किलो वाला चना 27 रुपए में बिका व अन्य दालें भी 25 रुपए से 80 रुपए किलो तक बिकीं। 60 टीन वनस्पति घी की बोली से 705 रुपए प्रति टीन पर खत्म हुई। जबकि 99 कार्टून सरसों का तेल(12 बोतल का प्रति कार्टून) 250 रुपए से शुरू होकर 600 प्रति कार्टून खत्म हुई। दोनों का बाजार मूल्य एक हजार रुपए के करीब है।  186 कार्टून बिस्कुट(144 पैकेट प्रति कार्टून) की बोली 400 रुपए प्रति पैकेट पर खत्म हुई। इसकी मार्केट वैल्यू करीबन 700 रुपए प्रति पैकेट है। 154 कट्टे मिल्क पाउडर (25 पैकेट प्रति कट्टा, एक पैकेट एक किलोग्राम) की बोली 90 रुपए प्रति पैकेट पर खत्म हुई। इसका बाजार भाव 100 रुपए से अधिक है।
 
आटे की रेट से कम लगी बोली, नहीं हुई बिक्री 
बोली के दौरान जब आटे की करीबन 500 थैलियों के लिए बोलीदाताओं द्वारा कम रेट की बोली लगाई गई तो रामपाल के वकील मनोज सैनी ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई। जिसके बाद आटे की थैलियों की बोली नहीं हो सकी। बरवाला, उकलाना, हिसार, टोहाना, जींद, आदमपुर, हांसी व आसपास के अन्य क्षेत्रों से आए 117 बोली लगाने वाले लोगों ने 50-50 हजार रुपए के हिसाब से प्रशासन को कुल साढ़े 58 लाख रुपये की राशि जमा करवाई। जिन 25 लोगों ने सामग्री की बोली लगाकर इसे छुड़वाया उन्हें छोड़कर अन्य की सिक्योरिटी राशि बोली प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मौके पर ही दे दी गई। वहीं सफल बोली दाताओं को बोली का 20 प्रतिशत मौके पर देना था, लेकिन बोली प्रक्रिया देर तक चलने के कारण यह जमा नहीं हो सका। अब यह राशि खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में सुबह जमा करवानी होगी।
 
बीमारियां ठीक करने का दम भरने वाला रामपाल खुद दमे का मरीज
सतलोक आश्रम में आने वाले रामपाल के अनुयायियों को यकीन था कि बाबा उनकी बीमारियां ठीक कर देगा। अनुयायियों में आस्था ऐसी थी कि डॉक्टर के पास जाने से पहले वे रामपाल के द्वार पर आना बेहतर समझते थे। पुलिस बल और रामपाल के निजी कमांडों के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच एक बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई थी। बच्चे के परिजनों ने बताया था कि वे बच्चे के दमा का इलाज कराने सतलोक आश्रम आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि दमा का इलाज करने वाला रामपाल खुद दमे का शिकार है। रामपाल ने आईजी और एसपी को दिए हलफनामे में यह माना है। हलफनामे में कहा कि उसे काफी समय से दमा की बीमारी है। सांस लेने में तकलीफ होती है।
 
चंडीगढ़, रोहतक व हिसार के डॉक्टर नहीं पकड़ सके नब्ज  
पुलिस व रामपाल के निजी कमांडों के टकराव के बाद गिरफ्तार हुए रामपाल की अभी तक करीब 6 बार मेडिकल जांच हो चुकी है। इनमें सबसे पहले रामपाल को चंडीगढ़ पीजीआई में रामपाल की स्वास्थ जांच की गई। इसके बाद रोहतक पीजीआई में जांच की गई। बाद में हिसार सिविल लाइन थाने में हिरासत में रखे गए रामपाल की हिसार सिविल अस्पताल में करीब 4 बार मेडिकल जांच हो चुकी है। लेकिन चंडीगढ़ से लेकर हिसार सिविल अस्पताल तक के सरकारी डॉक्टर रामपाल की बीमारी को नहीं पहचान सके।
 
हरियाणा में सबसे शक्तिशाली बनना चाहता था रामपाल
सतलोक आश्रम का संचालक रामपाल प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर अनैतिक और असंवैधानिक दबाव बनाकर प्रदेश का सबसे बड़ा संत बनने की चाह रखता था। पूछताछ में रामपाल से इन बातों का खुलासा किया है। पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि वह यदि रामपाल को गिरफ्तार करने में ओर समय लग जाता तो उसे गिरफ्त में लेना मुश्किल हो जाता। क्योंकि वह प्रशासन पर अपने अनुयायियों की ओट लेकर अलग तरीके के दबाव बनाता।  रामपाल ने सतलोक आश्रम के नजदीक करीब 50 एकड़ जमीन का भी सौदा किया था। पुलिस के पिछले 14 दिनों के सर्च अभियान में बीती शाम सतलोक आश्रम में बने वाटर टैंक को खाली कर लिया गया। वाटर टैंक के खाली होने के बाद चले सर्च में पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा।
 
बीमारी ठीक करने का तिलिस्म टूटने का डर  
रामपाल ने पुलिस के सामने तो अपनी बीमारी के बारे में जाहिर कर दिया, लेकिन मेडिकल जांच के दौरान उन्होंने कभी डॉक्टरों से इस बीमारी के संबंध में कोई बातचीत नहीं की। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि रामपाल को अपनी भक्तों पर उसका बीमारी ठीक करने का तिलिस्म खत्म होने के डर के कारण खुलेतौर पर दमा की बीमारी का खुलासा नहीं किया। 
हाईकोर्ट में बताया था हार्ट की बीमारी
जब रामपाल के निजी चिकित्सक सतलोक आश्रम में उनका इलाज कर रहे थे तो उन्होंने रामपाल को दिल की बीमारी से पीड़ित होने का हवाला दिया था। सरकारी डॉक्टरों के ऑब्जरवेशन के बाद निजी चिकित्सकों ने हाईकोर्ट में भी रामपाल की दिल की बीमारी संबंधी मेडिकल रिपोर्ट पेश की थी।

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