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15 दिसंबर 2014

सिडनी हमला: हमलावर सहित तीन लोगों की मौत के बाद खत्म हुआ 17 घंटे चला बंधक संकट


सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में मार्टिन प्‍लेस स्थित लिंट चॉकलेट कैफे में बंधकों को छुड़ाने का ऑपरेशन करीब 17 घंटे बाद खत्म हो गया है। ऑपरेशन के दौरान हमलावर सहित तीन लोग मारे गए जबकि चार लोग घयाल हुए हैं। हमलावर शेख हारुन मोनिस को पुलिस ने मार गिराया जबकि हारुन ने एक बंधक की हत्या कर दी थी।  एक अन्य बंधक की अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत होने की खबर है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। दो भारतीयों सहित अन्य सभी बंधकों को बाहर निकाल लिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने इस बात की पुष्टि की है कि कैफे के अंदर दो भारतीय बंधक थे। इनमें से एक इनफोसिस के कंपनी के अंकित रेड्डी हैं। दूसरे बंधक का नाम पुष्पेंदु घोष है। दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। अंकित रेड्डी ने भारत में परिवार से बात करके खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी है। 
एक अन्य बंधक के साथ कैफे से बाहर आते भारतीय बंधक अंकित रेड्डी(सफेद शर्ट में)।
एक अन्य बंधक के साथ कैफे से बाहर आते भारतीय बंधक अंकित रेड्डी(सफेद शर्ट में)।
 
बंधकों को आजाद कराने के लिए सुरक्षा बल भारतीय समयानुसार रात करीब साढ़े आठ बजे अत्याधुनिक हथियारों के साथ कैफे में घुसे। इसके बाद वहां से गोलियां चलने और तेज धमाकों की आवाजें सुनायीं दी और लोग बाहर भागते हुए निकले। करीब एक घंटे बाद न्यू साउथ वेल्स की पुलिस ने अभियान के खत्म होने की घोषणा की। 
सिडनी के अतिविशिष्ट इलाके में स्थित इस जाने माने कैफे में सोमवार सुबह लोगों की भीड़ बढ़ने के साथ ही हमलावर के घुसने की सूचना मिलने के बाद इलाके को खाली करा दिया गया था। इसके बाद सुरक्षा बल दिन भर बंधकों की रिहाई के लिए रणनीति बनाते रहे। सुरक्षा बल लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इस प्रकरण को निपटाने की कोशिश में लगे थे और इसी क्रम में अंधेरा होने के बाद उन्होंने ने अपना अभियान शुरू किया। बंधक बनाये गए लोगों में दो भारतीय पुष्पेंदु घोष और विश्वकांत अंकित रेड्डी भी शामिल थे। बंधकों में भारतीयों के शामिल होने के बाद सरकार की  चिंताएं बढ़ गयीं थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान जारी कर इस घटना की आलोचना की थी। सरकार ने दोनों भारतीयों के सुरक्षित होने की पुष्टि कर दी है। 
 
 
विदेश मंत्री ने दी भारतीयों के बारे में जानकारी
ऑपरेशन खत्म होते ही विदेश मंत्री ने ट्वीट किया कि सिडनी बंधक संकट खत्म हो गया है। विश्वनाथ अंकित रेड्डी सुरक्षित हैं। मेडिकल चेकअप के बाद वो सुरक्षित घर आ जाएंगे। इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कर बताया कि एक और भारतीय पुष्पेंदु घोष भी सुरक्षित हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि हम लगातार सिडनी में अपने संपर्क सूत्रों के टच में हैं। प्रधानमंत्री  लगातार हालत पर नजर रखे हुए हैं। 
 
ईरानी मूल का सिरफिरा था हमलावर
हमलावर की पहचान ईरानी शरणार्थी शेख हारुन मोनिस के रूप में हुई। खुद को मुस्लिम धर्मगुरु कहलाने वाला शेख मोनिस 49 साल का था। सिडनी के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में रहता था। 1996 में वह ईरान से ऑस्ट्रेलिया आया था। वह अफगानिस्तान युद्ध में ऑस्ट्रेलिया सैनिकों की तैनाती से नाराज था। मोनिस युद्ध में मारे गए ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के परिवारों को नफरत भरे ई-मेल करता था। यह पहला मौका नहीं था, जब वह पुलिस की नजरों में आया। पुलिस ने आखिरी बार उसे पूर्व पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोपी भी था।

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