जालंधर/चंडीगढ़.
जालंधर स्थित नूरमहल दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संचालक आशुतोष महाराज
के भक्तों ने कोर्ट के आदेश के बावजूद उनका अंतिम संस्कार नहीं होने
देने के लिए कमर कस ली है। हाईकोर्ट ने आशुतोष महाराज को मृत मानते हुए 15
दिन के भीतर उनके अंतिम संस्कार का आदेश दिया है। इसके खिलाफ आश्रम की ओर
से की गई अपील पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने अगली तारीख नौ जनवरी
मुकर्रर की।
समाधि बनाम मौत
आशुतोष महाराज का शव शून्य डिग्री सेंटीग्रेड वाले एक विशेष कमरे में
करीब 10 महीने से रखा हुआ है। संस्थान का दावा है कि महाराज समाधि में हैं
जबकि डॉक्टर उन्हें तकनीकी रूप (क्लीनिकली) से मृत बता चुके हैं। इस तरह के
कयास भी लगाए जा रहे हैं कि प्रॉपर्टी हड़पने के लिए आशुतोष महाराज को
बंधक बनाकर रखा गया है।
टोलफ्री नंबर जारी
रविवार को आश्रम की ओर से आशुतोष महाराज के भक्तों के लिए एक टोल फ्री
नंबर जारी किया है। भक्तों से अपील की गई है कि वे इस नंबर पर बुधवार रात
12 बजे तक मिस कॉल करें। संस्थान ने सोशल मीडिया के जरिए भी भक्तों को
जानकारी देने की योजना बनाई है।
संस्थान ने कहा है कि मिस्ड कॉल की संख्या के आधार पर कोर्ट को यह
बताने की कोशिश की जाएगी कि महाराज के कितने भक्त उनका अंतिम संस्कार नहीं
चाहते।
रविवार को आश्रम की ओर से भंडारा किया गया। इसमें भक्तों को फिल्म के
जरिए फिर यह यकीन दिलाने की कोशिश की गई कि आशुतोष महाराज समाधि में लीन
हैं और जल्द ही बाहर आएंगे। संस्थान के स्वामी नरेंद्रानंद और साध्वी
मनस्वनी भारती ने भक्तों ने कहा कि दस महीने पहले जब महाराज समाधि में गए
थे, तो सभी को लगा कि संस्थान खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
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