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28 नवंबर 2014

किन्नर की हत्या कर लाश अलमारी के नीचे दफनाई, सबूत मिटाने को किया प्लास्टर

फोटो: मकान में लकड़ी की अलमारी के नीचे गड्ढा कर दफनाया गया था शव, इनसेट में मृतक आरती दे। 
हिम्मतनगर (गुजरात). हिम्मतनगर से 6 महीने पहले लापता हुए किन्नर की हत्या उसके साथी किन्नर ने दो लोगों के साथ मिलकर की थी। हत्या के बाद शव अपने ही मकान में गड्ढा कर दफना दिया गया था और उस पर प्लास्टर कर अलमारी रख दी गई थी। पुलिस ने किन्नर आरती दे का शव बरामद कर लिया है। हत्या का कारण वसूली के लिए सीमा विवाद बताया जा रहा है। किन्नर आरती हिम्मतनगर जिले के प्रांतिज तहसील के मोयदवास रूपाजी गांव की थी।  
 
क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के नोएडा से हिम्मतनगर के ही किन्नर और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में दोनों ने यह कुबूल ली कि उन्होंने ही लगभग 6 महीने पहले किन्नर आरती की गोली मारकर हत्या कर उसका शव घर में ही दफना दिया था।
मृतक किन्नर आरती के लापता होने की शिकायत उसके बड़े भाई हठीसिंह चौहाण ने दर्ज करवाई थी। छानबीन में क्राइम ब्रांच को पता चला कि आरती के गुम होने से ठीक 15 दिन पहले ही उसका चंद्रिका नामक किन्नर से झगड़ा हुआ था। आरती की हत्या के बाद से ही चंद्रिका भी फरार थी। इसलिए पुलिस उसे तलाश कर रही थी। मुखबिर से मिली जानकारी पर क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में नोएडा के भंगेल इलाके में छापा मार कर चंद्रिका और उसके ड्राइवर मोहम्मद हुसैन छीपा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि आरती की हत्या उन्होंने ही एक अन्य साथी शकील की मदद से की थी। पुलिस शकील की तलाश कर रही है।
 
हत्या की वजह
हिम्मतनगर के मोतीपुरा में तुलसी काम्प्लेक्स के पीछे रहने वाली किन्नर चंद्रिका पावैया ने पुलिस पूछताछ में बताया कि आरती उसके इलाके में लोगों से पैसे वसूलती थी। इस पर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता रहता था। आरती की हत्या के 15 दिन पहले ही उनके बीच मारपीट भी हुई थी। इसीलिए उसने आरती की हत्या की योजना बनाई और अपने इसमें अपने ड्राइवर मोहम्मद हुसैन छीपा और दोस्त शकील की मदद दी। चंद्रिका ने आरती की गोली मारकर हत्या की और उसकी लाश अपने ही घर के कमरे में अलमारी के नीचे दफना दी। शव दफनाने के बाद गड्ढे पर प्लास्टर कर उस पर प्लाईवुड की सीट भी लगा दी थी, जिससे सुबूत मिटाए जा सकें।
 
मृतक आरती दे कैसे बना किन्नर
प्रांतिज तहसील का रहने वाले किन्नर आरती का मूल नाम रमेशजी धुलाजी चौहाण है। रमेश को शादी नहीं करना थी, लेकिन परिजन की जिद के चलते उसकी सज्जनबेन के साथ शादी हो गई थी। रमेश का एक 21 वर्षीय बेटा भी है। शादी के दो साल बाद ही रमेश वसाई डाभला इलाके में एक किन्नर के संपर्क में आन के बाद उनके दल में शामिल हो गया था। वहीं, रमेश की पत्नी सज्जनबेन ने भी दूसरी शादी कर ली थी। बेटे का पालन-पोषण उसके चाचा के परिवार ने किया।

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