(मेडिकल के लिए बच्चियों को ले जाती पुलिस की टीम।)
जयपुर. शहर के एक मर्सी होम में संचालक द्वारा बच्चियों के साथ
यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं
अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी गुरुवार को मर्सी होम पहुंचे। उन्होंने
पुलिस अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट ली। फिर गांधी नगर बालिका
गृह जाकर पीड़ित बच्चियों से उनकी जुबानी हकीकत जानी। इन बच्चियों की उम्र 6
से 15 साल है। इस मामले में शुक्रवार को मुख्य सचिव स्तर पर बैठक होगी।
उधर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सभी
कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जिलों में बिना पंजीयन के चल रहे बाल गृह व
वृद्धावस्था आश्रमों की जांच करें।
क्या है मामला
बुधवार को मर्सी होम के संचालक द्वारा उसके होम में रह रही बालिकाओं
के साथ छेड़छाड़, यौन शोषण और मारपीट करने का मामला सामने आया था। होम की
दो बालिकाओं ने संचालक पर यौन शौषण करने का की बात कही। बच्चियों की शिकायत
के बाद संचालक जॉन्सन चाको और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया
था। केरल निवासी जॉन्सन चाको (50) पिछले 10 साल से जयपुर में रह रहा है और
पिछले तीन साल से पत्नी के साथ झोटवाड़ा में मर्सी होम चला रहा है।आरोपी के
बच्चे विदेश में पढ़ते हैं।
बच्चियों ने सुनाई क्रूरता की कहानी
बच्चियों ने बताया कि होम संचालक जॉन्सन चाको उन्हें भूखा रखता था।
कपड़े खुलवा देता था। आए दिन उन्हें लोहे की छड़, डंडे से मारता था। खाने
में एक रोटी, थोड़े से चावल और नमक दिया जाता था। चाको की पत्नी और बेटा व
बेटी भी होम में रहने वाली बच्चियों से अमानवीय बर्ताव करते थे। बेटियों की
इस पीड़ा की पुष्टि कल्याण कुंज के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के
टीचर्स ने भी की। इसी स्कूल में होम की बच्चियां पढ़ने जाती थीं।
स्कूल प्रिंसिपल की पहल पर हुआ खुलासा
टीचर्स ने बताया- जब स्कूल में मिड-डे मील बच्चों में बांटा जाता तब
होम की बच्चियां उस पर टूट पड़ती थीं। देखने से ही लगता था कि वे बहुत भूखी
होती थीं। टीचर्स के मुताबिक- बुधवार को एक बच्ची ने प्रिंसिपल को अपने
साथ हुए दुष्कर्म की जानकारी दी तो मामला झोटवाड़ा पुलिस तक पहुंचा। पुलिस
ने दबिश देकर मर्सी होम के संचालक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी 19
बालिकाओं को गांधी नगर बालिका गृह भेज दिया।
जबरन धर्म परिवर्तन तो नहीं कराया?
मर्सी होम के एक कमरे में सभी बच्चियों से प्रार्थना करवाई जाती थी।
हालांकि, सभी बच्चियां हिंदू समाज की हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है
कि कहीं इन छात्राओं का जबरन धर्म परिवर्तन तो नहीं कराया गया। पुलिस
बालिकाओं के पेरेंट्स से भी पूछताछ कर रही है कि उन्होंने किस स्तर पर
बालिकाओं का एडमिशन मर्सी होम में करवाया।
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