नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक चौंकाने वाले फैसले में कहा
है कि रजोनिवृत्त हो चुकी किसी महिला से जबरन शारीरिक संबंध दुष्कर्म की
श्रेणी में नहीं आता। जस्टिस प्रदीप नंद्राजोग व जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने
इसी अनूठे तर्क के आधार पर आरोपी अच्छेलाल (49) को बरी कर दिया। उसे निचली
अदालत ने दोषी मानते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।
फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए ख्यात वकील वृंदा ग्रोवर ने सवाल
उठाए हैं। उनका कहना है, आखिर किस आधार पर कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची कि यह
दुष्कर्म का केस नहीं है। इससे रजोनिवृत्ति का क्या लेना-देना है।
फैसले में यह
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