जमशेदपुर. तीन माह की बच्ची घुटनों के बल चले, बड़ों जैसा
खाए-पीए, तो क्या यकीन करेंगे? शायद नहीं। लेकिन जमशेदपुर में एक ऐसी ही
बच्ची है, जिसकी मनोहारी हरकतें दो साल के बच्चों जैसी हंै। नाम है ट्विंकल
(सृष्टि)। परसुडीह के सोपोडेरा निवासी राकेश पांडेय व सुमित्रा पांडेय की
बिटिया ट्विंकल अभी महज तीन माह की है, लेकिन वह घुटनों के बल दौड़ती है।
दांत नहीं हैं, लेकिन बड़ों की तरह जलेबी खाती है। चावल-रोटी भी खाती है।
ट्विंकल के माता-पिता ही नहीं, डॉक्टर भी हैरत में हैं। शिशुरोग विशेषज्ञ
डॉ केके चौधरी के अनुसार, बच्ची के गुण अद्भुत हैं। आमतौर पर इस उम्र में
बच्चे माता के दूध पर आश्रित होते हैं। घुटनों के बल चलने की कल्पना तक
नहीं की जा सकती। छह माह के बाद ही रोटी-चावल दिया जाता है। लेकिन, ट्विंकल
बिल्कुल अलग है।
तीन माह में ही विलक्षण गुण
राकेश पांडेय आर्मी में जूनियर इंजीनियर हैं। राकेश ने बताया कि 27 जुलाई 2014 को ट्विंकल कमांड अस्पताल, जम्मू
में पैदा हुई थी। सात माह में ही उसका जन्म (प्री-मैच्योर डिलीवरी) हो गया
था। घरवालों ने सोचा कि बच्ची कमजोर होगी। उस समय बेटी का वजन 2.45 किलो
था। लेकिन दिनों-दिन उसका विकास होता गया। आज उसका वजन आठ किलो है।
हार्मोन इम्बैलेंस के कारण संभव है
आज तक मैंने इस तरह का केस न देखा है और न ही सुना है। यह अचरज भरी
बात है कि तीन माह की बच्ची बैठे, घुटनों के बल दौड़े और बड़ों जैसा आहार ले।
मेडिकल साइंस का मानना है कि हार्मोन इम्बैलेंस के कारण ऐसा हो सकता है।
लेकिन, यह रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस है। बच्ची विलक्षण गुणों वाली है। डॉ केके चौधरी, अध्यक्ष, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, जमशेदपुर
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