नई दिल्ली: रियल एस्टेट कारोबार में नई ऊंचाइयों को छूने की
हसरत लिए हरियाणा और राजस्थान में 6 कंपनियां खोलने वाले कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा अब उन्हें एक-एक करके बंद कर रहे हैं।
इन दोनों ही राज्यों में बीते कुछ वक्त में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो
चुकी है। हरियाणा में डीएलएफ के साथ जमीन सौदों को लेकर विवादों में आ चुके
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ राज्य की नई सरकार ने भी हाल ही में जांच कराने का
एलान किया था। वाड्रा हाल ही में जमीन सौदे से जुड़े सवालों को लेकर
पत्रकार के साथ बदसलूकी करने के बाद विवादों में आ गए थे।
अंग्रेजी अखबार डीएनए के मुताबिक, जो चार कंपनियां वाड्रा ने बंद की
हैं, उनके नाम हैं- लाइफलाइन एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीनवेव एग्रो
प्राइवेट लिमिटेड, राइटलाइन एग्रीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड और प्राइम टाइम
एग्रो प्राइवेट लिमिटेड। बाकी जो दो कंपनियां बंद होने की प्रक्रिया में
हैं, वे हैं फ्यूजर इन्फ्रा एग्रो और बेस्ट सीजंस प्राइवेट लिमिटेड। ये
सारी कंपनियां 2012 में बनी थीं। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के
मुताबिक, ये कंपनियां कृषि पर आधारित या जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ी हुई
हैं। वाड्रा इन सभी कंपनियों के एमडी हैं।
खबर के मुताबिक, वाड्रा ने अपनी कंपनियां तभी बंद करनी शुरू कर दी
थीं, जब बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार केंद्र में आई थी। मिनिस्ट्री
ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के रिकॉर्ड के मुताबिक, वाड्रा की सभी कंपनियां इस साल
मई तक सक्रिय रही थीं। बता दें कि नरेंद्र मोदी ने 26 मई को बतौर पीएम शपथ ली थी।
जमीनें बेचनी शुरू की
वाड्रा ने न केवल अपनी कंपनियां बंद करनी शुरू कर दी हैं, बल्कि वह राजस्थान और हरियाणा में अपनी जमीनें बेच भी रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य और केंद्र सरकार की कड़ी निगरानी के डर से उन्होंने ऐसा करना शुरू कर दिया है। बता दें कि वाड्रा की संपत्ति उस वक्त बढ़नी शुरू हुई, जब उन्होंने रियल एस्टेट कारोबार में हाथ आजमाया। उन्होंने राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड में काफी जमीन खरीदीं। हालांकि, इनमें से अधिकतर डील विवादों में रहीं। इसकी वजह कथित संदिग्ध लेन-देन और अपुष्ट धन का स्रोत होना रहा। मसलन, राजस्थान में जमीन सौदों के लिए उनकी कंपनी नॉर्थ इंडिया पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड, रियल अर्थ एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, स्काईलाइट रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि इन कंपनियों के जरिए वाड्रा ने हजारों एकड़ जमीन औने-पौने दामों में खरीदी। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, ये सभी कंपनियां अभी भी सक्रिय हैं।
वाड्रा ने न केवल अपनी कंपनियां बंद करनी शुरू कर दी हैं, बल्कि वह राजस्थान और हरियाणा में अपनी जमीनें बेच भी रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य और केंद्र सरकार की कड़ी निगरानी के डर से उन्होंने ऐसा करना शुरू कर दिया है। बता दें कि वाड्रा की संपत्ति उस वक्त बढ़नी शुरू हुई, जब उन्होंने रियल एस्टेट कारोबार में हाथ आजमाया। उन्होंने राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड में काफी जमीन खरीदीं। हालांकि, इनमें से अधिकतर डील विवादों में रहीं। इसकी वजह कथित संदिग्ध लेन-देन और अपुष्ट धन का स्रोत होना रहा। मसलन, राजस्थान में जमीन सौदों के लिए उनकी कंपनी नॉर्थ इंडिया पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड, रियल अर्थ एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, स्काईलाइट रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि इन कंपनियों के जरिए वाड्रा ने हजारों एकड़ जमीन औने-पौने दामों में खरीदी। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, ये सभी कंपनियां अभी भी सक्रिय हैं।
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