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08 नवंबर 2014

12 साल की बच्ची से ज्यादती, सिर फोड़ा, फिर सिगरेट दागकर देखा कहीं जिंदा तो नहीं


12 साल की बच्ची से ज्यादती, सिर फोड़ा, फिर सिगरेट दागकर देखा कहीं जिंदा तो नहीं
इंदौर. 12 साल की बच्ची के साथ कुछ लोगों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। पहले ज्यादती की। फिर जान लेने के लिए सिर में हथौड़ीनुमा चीज से वार किया। इससे सिर में गड्ढा हो गया। बच्ची ने उसी समय आंखें बंद कर लीं। वह मरी या नहीं... यह जानने के लिए दरिंदों ने उसका हाथ जलाया। जगह-जगह सिगरेट भी दागी। दरिंदों को लगा कि वह मर गई है तो उसे छोड़कर भाग गए, लेकिन बच्ची बच गई। मानवीयता को शर्मसार कर देने वाली यह वीभत्स घटना सागर जिले की है। फिलहाल बच्ची इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती है, लेकिन सांस लेने और आंखें खोलने के सिवाय उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही। डॉक्टरों का कहना है कि अब वह सामान्य जीवन नहीं जी पाएगी। 
 
बच्ची के चाचा के मुताबिक, सागर जिले के कैंट थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर (दशहरा) को बच्ची पांच साल की चचेरी बहन के साथ देवी दर्शन के लिए सुबह जल्दी घर से निकली। दोनों कुछ दूर पहुंची ही थीं कि दो बाइक सवार आए और बड़ी बहन को उठाकर ले गए। उसे एक बगीचे में ले जाकर ज्यादती की। इस बीच, उसकी छोटी बहन थाने पहुंच गई। उसने रोते हुए तोतली जुबान में बहन के अपहरण की बात कही। पुलिस बच्ची को लेकर मौके पर गई। आसपास तलाश की। बच्ची गार्डन में लहुलुहान स्थिति में मिली। 
 
मुख्यमंत्री ने इलाज के लिए इंदौर भिजवाया 
 
घटना वाले दिन ही सागर के डॉक्टरों ने बच्ची को भोपाल ले जाने की सलाह दी। 4 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वह भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती रही, लेकिन हालत नहीं सुधरी। इस बीच, परिजनों ने मुख्यमंत्री निवास जाकर निजी अस्पताल में इलाज कराने की गुहार लगाई। सीएम को भी घटना की जानकारी थी। मुख्यमंत्री राहत कोष से बच्ची का इलाज इंदौर में करवाने की व्यवस्था कराई गई।
 
सामान्य बच्चियों की तरह शायद ही हो पाए  

बच्ची का इलाज कर रहे डॉ. राकेश शुक्ला के मुताबिक बच्ची का न्यूट्रीशन सिस्टम एक महीने से खराब है। उसका वजन बहुत कम हो गया है। खून की कमी भी है। वह धीरे-धीरे ठीक हो रही है, लेकिन इसकी संभावना कम है कि वह सामान्य बच्चियों की तरह हो पाए। इसका कारण यह है कि सिर की चोट पहले एक महीने में जितनी ठीक होना चाहिए, उतनी नहीं हुई। इसमें सालभर लगेगा।
 
पुलिस को नहीं मिल रहे आरोपी  

घटना को 37 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस आरोपियों का पता नहीं लगा सकी। अब तक यह भी नहीं पता चला कि बच्ची से कितने लोगों ने ज्यादती की। पुलिस ने बच्ची की चचेरी बहन को कुछ आरोपियों के चेहरे भी दिखाए, लेकिन उसने नहीं पहचाने।

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