इंदौर. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर
में एक लड़के ने साथ पढ़ने वाली लड़की को उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें देने की
बात कह धोखे से बुलाया और उज्जैन ले जाकर अपने दोस्तों के साथ उसका
गैंगरेप किया। कालानी नगर क्षेत्र में रहने वाली 11वीं की नाबालिग छात्रा
को उस युवक ने प्रेमजाल में फंसा रखा था। वह तीन दोस्तों के साथ छात्रा को
उज्जैन ले गया। वहां उन्होंने छात्रा को नशे का इंजेक्शन दिया और गैंगरेप
किया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
टीआई कन्हैयालाल दांगी ने बताया कि 16 अक्टूबर को एरोड्रम रोड के एक व्यापारी की बेटी घर से बाहर जाने को कहकर निकली और लापता हो गई। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ था। इस पर पुलिस ने अपहरण का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। व्यापारी ने अपहरण की शंका राजीव आवास विहार में रहने वाले सारिक आलम पर जताई।
पुलिस ने उसे कॉल लगाया तो वह छात्रा के साथ होने से इनकार करता रहा।
कॉल डिटेल निकाली गई तो पता चला छात्रा उज्जैन के एक होटल में है। शनिवार
रात पुलिस टीम ने दबिश डालकर छात्रा को मुक्त कराया। यहां से सारिक आलम को
गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला छात्रा के साथ सारिक का बड़ा भाई
सैफ, दोस्त सचिन, अवध नारायण और अनिल करण सिंह भी थे। उन्हें भी रविवार को
पकड़ लिया गया। उनके खिलाफ ज्यादती के साथ अन्य धाराएं भी लगाई गईं हैं।
तीन साल से थी दोस्ती
छात्रा के परिजनों ने बताया सारिक और छात्रा गुजराती स्कूल में आठवीं
से साथ पढ़ रहे थे। सारिक छात्रा को परेशान करता था तो उन्होंने उसका स्कूल
बदल दिया। बाद में वह बार-बार स्कूल के चक्कर लगाता रहता था। उसे कई बार
समझाया, लेकिन वह नहीं माना। छात्रा ने बताया कि सारिक ने कॉल कर कहा था कि
उसके पास आपत्तिजनक फोटो हैं, जिन्हें वापस करना है। उज्जैन ले जाते ही
उसे इंजेक्शन दे दिया गया। छात्रा इतना डर गई थी कि रिपोर्ट करने को तैयार
नहीं हुई।
बड़े व्यापारी के बेटे हैं आरोपी
आरोपी सारिक आलम 11वीं में पढ़ रहा है, जबकि सैफ इंजीनियरिंग कर रहा है। वे मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं। उनके पिता कारपेट व्यापारी हैं। अनिल बीकॉम का छात्र है, जबकि सचिन कार चालक है। आरोपियों ने पुलिस की कहानी को झूठा बताते हुए कहा- लड़की खुद भागकर आ गई थी। हमने कुछ नहीं किया।
आरोपी सारिक आलम 11वीं में पढ़ रहा है, जबकि सैफ इंजीनियरिंग कर रहा है। वे मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं। उनके पिता कारपेट व्यापारी हैं। अनिल बीकॉम का छात्र है, जबकि सचिन कार चालक है। आरोपियों ने पुलिस की कहानी को झूठा बताते हुए कहा- लड़की खुद भागकर आ गई थी। हमने कुछ नहीं किया।
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