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21 अक्तूबर 2014

7 वर्षीय मासूम रुद्राक्ष का बेरहम हत्यारा अंकुर पाडिया

आओ, विचार करें - आखिर, राजनैतिक संरक्षण में कब तक सुरक्षित बना रहेगा -
7 वर्षीय मासूम रुद्राक्ष का बेरहम हत्यारा अंकुर पाडिया (पहाड़िया) ..... ?
प्रभावी व दबंग कहे जाने वाले राजनेताओं की सहयोगी-अनुकम्पा से, कम समय अवधि में ही, एक सफलतम व सम्पन्नतम कारोबारी के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर 'हाईप्रोफाइल परिवारों' की श्रेणी में शामिल बने उच्च कुलीन 'वैश्य परिवार' कहे जाने वाले 'पाडिया परिवार' (प्रोप्राइटर - तिरुपति ऑफसेट प्रिन्टर्स प्राइवेट लि., शोपिंग सेन्टर, कोटा) के मुखिया श्रवण कुमार पाडिया के चार योग्य पुत्र क्रमशः संदीप, सुमित, अनूप व अंकुर में से सबसे छोटे पुत्र 'अंकुर' ने - 2 करोड़ रुपये की 'फिरौती' के लालच में किया - 7 वर्षीय मासूम रुद्राक्ष का 'अपहरण' और 'फिरौती' में असफल रहने पर उसकी 'हत्या' कर किया 'गौरवमयी कार्य' ...
ओद्योगिक नगरी से शिक्षण नगरी में बदल कर सेक्स और अपराध नगरी के नाम पर अपनी लोकप्रियता का गौरव स्थापित करती राजस्थान प्रदेश की 'कोटा नगरी' में विगत दिनों में
गुरुवार (09.10.2014) की शाम को तलवंडी क्षेत्र के शीला चौधरी रोड के पीछे स्थित हनुमान मंदिर पार्क से इसी क्षेत्र निवासी पुनीत हांडा (मैनेजर, बूंदी सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, शाखा तालेड़ा, जिला बूंदी) के 7 वर्षीय मासूम पुत्र 'रुद्राक्ष' का 2 करोड़ रुपये की 'फिरौती' के लालच में किया अपहरण और 'फिरौती' की योजना में असफल रहने पर उसी रात को मासूम की कर दी निर्मम हत्या !
उल्लेखनीय है कि - शहर में बनी हुई चर्चा के अनुसार, हाईप्रोफाइल बने इस परिवार का यह होनहार सदस्य 'अंकुर', कोटा के लोकप्रिय 'बंसल कोचिंग' में किसी 'हाई-पोस्ट' पर ही नियुक्त था. जिसे अब मीडिया में 'बंसल कोचिंग' में स्टेशनरी की दूकान लगाने वाला बताया जा रहा है.
गत दिनों ही 16.10.2014 को प्रकाशित हुए एक समाचार के अनुसार, उल्लेखनीय तो यह भी है कि - इस हत्यारे युवक 'अंकुर' का बड़ा भाई 'अनूप' भी शातिर बदमाश व ठग रहा है, जिसके खिलाफ प्रदेश के कई थानों में ठगी के मामले दर्ज हैं और यह शातिर 'अनूप' ठग भी 18.11.2009 से जयपुर के सदर थाना क्षेत्र से फरार हो गया था, जो अभी तक भी फरार है.
कितना विचित्र संयोग है कि- बड़ा भाई 'अनूप' भी ठगी के मामले में दिनांक 18.11.2009 से फरार चल रहा है तथा अब यह छोटा भाई 'अंकुर' भी दिनांक 09.10.2014 (रुद्राक्ष के अपहरण व हत्या के दिन) से ही अभी तक फरार चल रहा है ! काश, इस अपहरण व हत्या में कोई मुस्लिम युवक निकला होता अथवा किसी साधारण परिवार का युवक निकला होता, तो कोटा नगरी में मानो भूचाल ही आ चुका होता और उस युवक के परिवारजन भी तब तक पुलिस की गिरफ्त में बने होते, जब तक उस युवक की गिरफ्तारी ना हो चुकी होती.
लेकिन, इस मासूम की हत्या का मामला, प्रभावी व दबंग राजनेताओं का संरक्षण-सहयोग प्राप्त एक हाई-प्रोफाइल सम्पन्न परिवार से जुड़ा हुआ है, इसलिए पुलिस भी इस 'हत्यारे' की गिरफ्तारी मामले में राजनैतिक दबाव-प्रभाव में बनी दिखाई दे रही है. --- वर्ना तो, मासूम रुद्राक्ष के इस हत्यारे युवक 'अंकुर' को पुलिस अभी तक तो गिरफ्तार भी कर चुकी होती.
लेकिन, इस शहर के माफियाओं-अपराधियों को संरक्षण-सहयोग करने वाले राजनेताओं में 'हत्यारे अंकुर' की गिरफ्तारी को लेकर इस समय एक 'खौफ़' और 'सन्नाटा' सा छाया हुआ दिखाई दे रहा है. जिस पर यह भी चर्चा चल रही है कि - संभव है अपने कुकर्मों व पापों को छिपाए रखने की खातिर ये प्रभावी व दबंग राजनेता किसी भी तरीके से 'हत्यारे अंकुर' की ही 'हत्या' करवा कर उसे 'आत्म-हत्या' घोषित करवा दें. ताकि, मासूम की हत्या का यह मामला भी ख़त्म हो जाए और ये राजनेता भी अपने पापों के उजागर होने से सुरक्षित बच जाए. --- देखते है, हत्या का यह मामला किस करवट बैठता है ?
- जीनगर दुर्गा गहलोत, प्रकाशक व सम्पादक, पाक्षिक "समाचार सफर"
केम्प निवास व आफिस : एफ-148 व एफ-285, जे.के. बोम्बे योजना (अपना घर योजना),
सी. एन. जी. पेट्रोल पंप के पास, डी.सी.एम. रोड, कोटा - 324 003 (राज.)
Mob. No. 098872-32786 ; Dt. 21-10-2014 ; Time: 02.50 am
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