निगाहों में मुहब्बत की चमक अब ढूंढते रहना
किताबों मे गुलाबों की महक अब ढूंढते रहना
जगाती थीं कभी सोये हुए साजन को नींदो से
कलाई मे वो चूडी की खनक अब ढूंढते रहना -कविता'किरण'
किताबों मे गुलाबों की महक अब ढूंढते रहना
जगाती थीं कभी सोये हुए साजन को नींदो से
कलाई मे वो चूडी की खनक अब ढूंढते रहना -कविता'किरण'
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