आपका-अख्तर खान

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17 सितंबर 2014

मुहब्बत

निगाहों में मुहब्बत की चमक अब ढूंढते रहना
किताबों मे गुलाबों की महक अब ढूंढते रहना
जगाती थीं कभी सोये हुए साजन को नींदो से
कलाई मे वो चूडी की खनक अब ढूंढते रहना -कविता'किरण'

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