खुदा
का शुक्र है के राजस्थान की कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में आज छुटपुट
घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा ,,मुक़ाबला रोचक है ,,,कोटा दक्षिण के
चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन इस दंगल में कांग्रेस के शिवकांत नंदवाना ने
भी अपना चुनाव प्रबंधन बताने की पूरी कामयाब कोशिश की है ,,यह बात और है
के चुनाव प्रबंधन में ओम बिरला कई गुना भारी साबित हुए है ,,लेकिन विकट
परिस्थतियों में भी शिवकांत नंदवाना ने ओम बिरला
को चुनौती देकर खुद को कांग्रेस में स्थापित कर लिया है ,,,एक तरफ चुनाव
प्रबंधन में भाजपा के महागुरु ओम बिरला का चुनाव था ,,इस चुनाव को
प्रयोगशाला बना कर सभी नए आधुनिक तरीके ईजाद किये गए थे ,,,ओम बिरला के इस
लगातार जीतने और हर बार जीत का आंकड़ा बढ़ाने के चुनाव प्रबंधन को सीखने के
लिए कोचिंग वास्ते कई भाजपा के नेता कोटा में थे ,,,,सभी जानते है के हर
बार जब भी ओम बिरला चुनाव लड़ते है वोह अकेले सिर्फ अकेले होते है ,,उनके
साथ भाजपा की रीढ़ की हड्डी ,,भाजपा कैडर के ब्राह्मण लीडर ,,,आस पास के
भाजपा विधायक और कई वरिष्ठ भाजपा नेता नहीं होते है ,,लेकिन फिर भी ओम
बिरला अपने खुद के चुनावी प्रबंधन से हर बार लगातार उम्मीद से कहीं ज़्यादा
वोटों से जीत कर खुद को स्थापित करते है ,,इसी प्रबंधन और तोर तरीकों को
सीखने के लिए ओम बिरला को भाजपा हाईकमान ने चुनाव प्रबंधन का कोचिंग गुरु
बना दिया ,,और इसी चुनावी को कोचिंग में प्रेक्टिकल ज्ञान लेने भाजपा के कई
नेता यह सीखने आये थे ,,उन्होंने बहुत कुछ सीखा भी ,,,चुनाव प्रचार में
बाहर से आने वाले को एक गाडी की चाबी ,,ड्राइवर ,,,रहने के लिए कमरे की
चाबी ,,,एक अटेंडेंट और साथ में एक बेग ,,बेग में विधानसभा क्षेत्र की
समस्त जानकारियां ,,भाग संख्या ,,समाज वाइज़ वोटर लिस्ट ,,,आने वाला प्रचारक
किस समाज और किस कैडर के है ,,किसको प्रभावित कर सकते है ,,,उनके नाम
,,मोबाइल नंबर ,,,कितने वार्ड है ,,वार्ड में कितने हिन्दू मुस्लिम धार्मिक
स्थल हिअ ,,उनकी देखरेख करने वाले व्यस्थापक कोन है ,,उनके मोबाइल नबंर
क्या है ,,,,समाज के प्रतिनिधि कोन ,,वोह किस से प्रभावित हो सकते है
,,सारी जानकारिया ,,उनकी ज़रूरते क्या है ,,सभी मुद्दे उस बेग में रखे किट
में शामिल होते है ,,,,विपक्ष के प्रत्याक्षी और उनके समर्थक प्रचारकों को
कैसे प्रभावित किया जा सकता है ,,उन्हें भर्मित कैसे किया जा सकता है
,,,किन मुद्दों को अफवाहों के ज़रिये भुनाया जा सकता है ,,वोटर से सीधा कैसे
सम्पर्क स्थाई रूप से पारिवारिक माहोल में बनाकर रखा जाता है ,,,,,,,लेकिन
इस बार शिवकांत नंदवाना उनके प्रत्याक्षी संदीप शर्मा के खिलाफ चुनाव
मैदान में कांग्रेस के प्रत्याक्षी थे ,,शिवकांत युवा नेता ,,,हंसमुख
स्वभाव ,,,महनत लगन के साथ समर्पण भाव से अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा
मिलाकर साथ देना ,,बुज़ुर्गों के साथ विनम्र व्यवहार ,,चाक चौबंद व्यवस्था
,,,,इरादे बुलंद ,,,वित्तीय चुनावी खर्च प्रबंधन ,,,,,,कार्यकर्ताओं की टीम
,,,सभी कुछ इनके पास था ,,इनक साथ भी वही हाल ,,,,समर्थकों की भारी भीड़
,,,,जीत की झूंठी कहानिया ,,,,कार्यकर्ताओं ,,नेताओं की भीतर घात ,,,इसके
बावजूद भी हौसले से ,,हिम्मत से ,,कुशल प्रबंधन से चुनाव लड़कर चुनावी
हिम्मत में चेले ने गुरु को पीछे छोड़ दिया ,,,,,,चुनाव नतीजे कुछ भी रहे
लेकिन हारकर भी शिवकांत नंदवाना खुद को एक स्थाई ,,मज़बूत ,,हर दिल अज़ीज़
,,नेता के रूप में स्थापित करने में सफल साबित हुए है ,,,,,,,,आधुनिक
चुनावी प्रबंध में वोह भी पीछे नहीं रहे ,,,,,,,,,,,,अब इन्तिज़ार है १६
दिसम्बर के नतीजों का आपको भी हमे भी ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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