तो क्या हुआ अगर आज वो मेरे साथ नही है
मे आज भी उससे उतनी ही मौहब्बत करता हुं
इसलिये नही कि कोई ओर नही मिली बल्कि इसलिये
कि उससे मौहब्बत करने से फुर्सत ही नही मिली
जब भी मे अपनी आँखे बंद करता हु वो मेरे सामने आ जाती है
मे आज भी उससे उतनी ही मौहब्बत करता हुं
इसलिये नही कि कोई ओर नही मिली बल्कि इसलिये
कि उससे मौहब्बत करने से फुर्सत ही नही मिली
जब भी मे अपनी आँखे बंद करता हु वो मेरे सामने आ जाती है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)