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18 सितंबर 2014

सरकार बदलने पर कुछ बदले बदले दृष्टांत

दोस्तों राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदलने पर कुछ बदले बदले दृष्टांत जिनमे कांग्रेस की हार की वजह छुपी है ,,,,पहला दृष्टांत ,,कांग्रेस के मंत्री से भाई साहब कलेक्ट्रेट में कलेक्टर साहब से मेरा यह वाजिब और क़ानूनी काम करवाना है ,,मंत्री ठीक है में बात करता हूँ ,,बात की ,,कलेक्टर ने टाल दिया ,,दुबारा बात की फिर कलेक्टर ने बहाना बना दिया ,,,, मंत्री जी ने कार्यकर्ता से कहा यार कलेक्टर मेरी सुनता ही नहीं क्या करूँ ,,,छ माह का वक़्त गुज़रने के बाद सरकार बदली ,,,वही कलेक्टर वही काम ,,,बदली सरकार के नेताजी का फोन अधिकारी के पास यह काम करना है ,,,अधिकारी की वही पुरानी रट वही पुरानी बहाने बाज़ी ,,लेकिन इस वक़्त नेताजी कांग्रेस वाले नहीं भाजपा वाले थे ,,नेताजी ने अधिकारी को फटकार लगाई मुझे क़ानून सिखाने की ज़रूरत नहीं है ,,यह मेरा मिलने वाला है इसका वाजिब काम रोक तो ठीक नहीं होगा आज शाम तक काम हो जाना चाहिए ,,यक़ीनन वाजिब काम को बिना वजह रोक रखा था सो शाम तक ही वोह काम हो गया ,,,,,,,दूसरा दृष्टांत ,,,,,कांग्रेस शासन में ,,,कार्यकर्ता मंत्री जी से ,,भाईसाहब फलां पुलिस वाला मेरे खिलाफ झूंठी कार्यवाही कर रहा है ,,मंत्री जी अरे यार इसमें में कुछ नहीं बोल सकता ,,पुलिस अपना काम करेगी ,,ऐसे काम तुम करते ही क्यों हो ,,,,,,नई सरकार के नेता जी ,,वही समस्या वही व्यक्ति ,,,,नेताजी अधिकारी से सुन लो यह मेरा कार्यकर्ता है ,,तुम्हारा यह फर्जीवाड़ा अब नहीं चलेगा ,,जो करना था कर लिया अब इन्साफ करना शुरू करो वरना कार्यकर्ताओं की फौजदारी हो जायेगी ,,नतीजा जो कार्यकर्ता झूंठी कार्यवाही से डरा और सहमा था आज वही कार्यकर्ता बिंदास ,, यह तो हो ही नहीं सकता ,,यह नियमों में नहीं आता ,,अफसरों का अदब करो ,,क्या हुआ अधिकारी ने डाँट दिया तो ,,,क्या हुआ गलत मामले में पकड़ लिया तो लॉकअप से तो बाहर करवा दिया ,,,अपराध करोगे तो फसोंगे तो सही ,,,,अधिकारी ने बदतमीज़ी कर ली तो क्या हुआ वगेरा वगेरा ,,,आज सत्ता बदलने के बाद ,,अधिकारी ने गलत किया तो उसकी ऐसी तैसी ,,पुलिस ने अत्याचार कियिा तो वोह लाइन हाज़िर ,,अनेक बदलाव है जिसे कार्यकर्ता टुकुर टुकुर देख रहा है और सर्वाधिक बहतरीन ,,कल्याणकारी ,,विकासकार्य करवाने के बाद भी कांग्रेस के बुरी तरह से हारने के कारण तलाश रहा है ,,,,,,,,अख्तर

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