यह
कमबख्त भारतीय मुसलमान भी कितने भोले भाले ,,डरे ,,सहमे होते है के मदरसों
में आतंकवाद का झूंठ किसी भी ऐरे गेरे द्वारा बोला जाए ,,लवजिहाद के नाम
पर गुंडागर्दी का इलज़ाम किसी भी सड़क छाप द्वारा लगाया जाए तो बस यह बेचारे
मासूम से दोनों हाथ हिलाकर कहते है ,,हम आतंकवादी नहीं ,,हम शरीफ है ,,हम
दश भक्त है ,,अजीब बात है ना ,,बेचारे मुसलमान ऐसे तड़पते है ,,ऐसे सुबूत
पेश करते है खुद को राष्ट्रभक्त साबित करने के लिए मानो उन्हें अब इन
अपराधिक तत्वों आतंकवाद भड़काने का प्रयास करने वाले ब्क्वासियों से गोल्ड
मेडल या फिर राष्ट्रीयता का ताम्रपत्र मिलने वाला हो ,,गिराए कर रख दी सब
ने यार फ़ालतू में ही ,,,,,अख्तर ,,,
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