अभी
एक अख़बार में अमेरिकन रिसर्च थी ,,जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को
आज़ादी के आंदोलन में साक्षरता की अलख जगा कर लोगों में आज़ादी की लड़ाई का
जज़्बा पैदा करने वाले मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ के संस्थापक सर सय्यद अहमद
खान की आत्मा यानी उनका पुनर्जन्म बताया गया ,,,इस्लामिक नज़रिये तो बात
जमी नहीं लेकिन ,,मुस्लिम भटके हुए लड़के जो इधर उधर मुंह मार कर प्यार
व्यार के चक्कर में अपना और परिवार का ,,देश का
समाज का वक़्त बर्बाद कर रहे है उन्हें सुधारने के लिए इनके कार्यकाल में
लव जेहाद का जो नारा चला उससे लगता है के भटके हुए मुस्लिम बच्चो को इधर
उधर मुंह मारने से रोककर अपना भविष्य बनाने के लिए आंदोलन की कवायद शुरू हो
गयी है ,,,,जबकि हाल ही में उषा ठाकुर द्वारा गरबा नृत्य में मुस्लिमों
के आने की पाबंदी के मामले में इस्लामिक क़ानून के तहत बयान दिया है ,,,सभी
जानते है इस्लाम में नाच गण गुनाह है ,,,इसकी माफ़ी नहीं ऐसे में उषा ठाकुर
साहिबा मुस्लिमों को ऐसा अपराध कैसे करने दे सकती है ,,,देखो खुदा का भेद
खुदा ही जाने ,,मुसलमान नोजवानो की यह पीढ़ी जब अपने माता ,पिता ,,परिजन
,,,मुफ़्ती ,,,मोलवी ,,मौलाना की नहीं सुन रहे है तो खुदा ने उन्हें बिगड़ने
से बचाने के लिए इस तरह का रास्ता निकाला है ,,,,,अख्तर
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