आपका-अख्तर खान

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12 सितंबर 2014

आपके लिए

आप का हुकम
कुछ आपके लिए
लिखा जाए
हमारी मजबूरी
पहले आप क्या है
हमे आपके बारे में तो
समझाया जाए
ना चेहरा छुपे आपका
ना पहचान ग़ुम हो आपकी
चाँद से आप चमके
खिले गुलाब से
आप रोज़ खिलखिलाए ,,,,अख्तर

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