मुजफ्फरनगर. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह
के खिलाफ मुजफ्फरनगर कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई है। शाह पर लोकसभा
चुनाव के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़काऊ भाषण देने
का आरोप है। इस मामले में शाह अगर दोषी पाए गए तो उन्हें तीन साल तक की जेल
की सज़ा हो सकती है। उत्तर प्रदेश में 13 सितंबर को 10 विधानसभा सीटों और
मैनपुरी लोकसभा सीट पर उप चुनाव होना है। शाह के खिलाफ चार्जशीट के बाद
सूबे में राजनीति तेज हो सकती है।
अमित शाह ने क्या कहा था?
अमित शाह ने इस साल चार अप्रैल को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुजफ्फरनगर में एक बैठक में कहा था कि आम चुनाव पिछले साल मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में हुए अपमान का बदला लेने का मौका है। शाह ने कहा था, "उत्तर प्रदेश और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए यह चुनाव सम्मान की लड़ाई है। यह चुनाव उन लोगों के लिए सबक सिखाने का मौका है जिन्होंने ज़ुल्म ढाए हैं।" अमित शाह ने कथित तौर पर यह भी कहा था, "आदमी भोजन और नींद के बिना जी सकता है। भूखा-प्यासा होने पर भी वह जी सकता है, लेकिन बेइज्जत होने पर वह जी नहीं सकता।" शाह पर आरोप है कि उसी दिन शामली और बिजनौर में भी बैठकों में उन्होंने ऐसी ही बातें की थीं।
अमित शाह ने इस साल चार अप्रैल को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुजफ्फरनगर में एक बैठक में कहा था कि आम चुनाव पिछले साल मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में हुए अपमान का बदला लेने का मौका है। शाह ने कहा था, "उत्तर प्रदेश और खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए यह चुनाव सम्मान की लड़ाई है। यह चुनाव उन लोगों के लिए सबक सिखाने का मौका है जिन्होंने ज़ुल्म ढाए हैं।" अमित शाह ने कथित तौर पर यह भी कहा था, "आदमी भोजन और नींद के बिना जी सकता है। भूखा-प्यासा होने पर भी वह जी सकता है, लेकिन बेइज्जत होने पर वह जी नहीं सकता।" शाह पर आरोप है कि उसी दिन शामली और बिजनौर में भी बैठकों में उन्होंने ऐसी ही बातें की थीं।
चुनाव आयोग ने दिया था नोटिस
चुनाव आयोग ने अप्रैल में ही अमित शाह को उनके 'बदला लेने' वाले बयान पर आचार संहिता के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था। अमित शाह को जारी की गई नोटिस में कहा गया था कि पहली नज़र में उनके बयानों से लगता है कि उन्होंने लोगों के निजी जीवन से जुड़ी आलोचनाएं की, वोट पाने के लिए जाति और समुदाय से अपील की और ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे जिनसे जाति, समुदाय, धर्म या भाषा के आधार पर तनाव फैल सकता था।
चुनाव आयोग ने अप्रैल में ही अमित शाह को उनके 'बदला लेने' वाले बयान पर आचार संहिता के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था। अमित शाह को जारी की गई नोटिस में कहा गया था कि पहली नज़र में उनके बयानों से लगता है कि उन्होंने लोगों के निजी जीवन से जुड़ी आलोचनाएं की, वोट पाने के लिए जाति और समुदाय से अपील की और ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे जिनसे जाति, समुदाय, धर्म या भाषा के आधार पर तनाव फैल सकता था।
शाह के बयान का बीजेपी ने बचाव किया था। तब पार्टी के नेताओं का कहना था कि शाह ने सरकार के कुशासन का बदला वोट के जरिए लेने की बात कही थी। पार्टी के प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था, "उत्तर प्रदेश सरकार ने वहां के लोगों को बेइज्जत किया है। यह हिंदुओं या मुसलमानों का सवाल नहीं है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)