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10 सितंबर 2014

केप्टिन अब्दुल हमीद ने अपनी जान की बाज़ी लगा दी

हिन्दुस्तान की सरहदों पर बुरी नज़र डालकर हिन्दुस्तान पर हमला करने की नापाक हरकत करने वाले पाकिस्तान के हमलावर टेंकरों को फोड़ने के लिए केप्टिन अब्दुल हमीद ने अपनी जान की बाज़ी लगा दी ,,और पाकिस्तान के अमेरिकी हमलावर टेंको को एक के बाद एक ध्वस्त करते हुए भारत की सेना पर गोले बरसाने वाले पाकिस्तानी टेंको को तबाह कर दिया ,,केप्टिन हमीद ने अपने मुल्क अपने वतन की सरहदों और हुकूमत को महफूज़ रखने के इस्लामिक क़ायदे को अपनाया और खुद ने अपने देश हिन्दुस्तान को बचाने के लिए अपनी जान दे दी ,,,जी हां दोस्तों दस सितम्बर उन्नीस सो पैसठ में राजस्थान में शेखावाटी की धरती के इस वीर ने अपनी जान तो दे दी लेकिन भारत की सरहदों को पाकिस्तान से आज़ाद करा दिया ,,,,,आज कैप्टेन अब्दुल हमीद की क़ुरबानी और शहादत को याद करने के लिए कोटा की समाज सेवी संस्थाओं ने शहीद स्मारक के नीचे एक श्रद्धांजलि कार्यकम रखा ,,जिसके आयोजक उमर सी आई डी ,,,,हाफ़िज़ अब्दुल रशीद क़ादरी ,,,तबरेज़ पठान थे ,कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव पंकज मेहता ,,,,,राजस्थान महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक श्रीमती शकुंतला ,,,राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन माहिर आज़ाद ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,,सुलतानपुर पंचायत समिति प्रधान रईस खान ,,बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश बंजारा ,,,,रुक्मणी मीणा ,,लियाक़त अंसारी ,,,राजाराम जेन कर्मयोगी ,,,शायर चाँद शेरी ,,डॉक्टर ग्यास ,,कवी छाबड़ा ,,श्याम सुन्दर शर्मा ,,ब्रह्मदत्त शर्मा ,,,सहित कई दर्जन लोग मौजूद थे ,,कार्यक्रम शुरू होने के पूर्व राष्ट्रीय गान गया गया फिर कार्यक्रम समापन पर भी राष्ट्रीय गान गाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई ,,,कल मेरे फेसबुक साथी भाई अक़ील खाना ने उनके पिता श्री मोहम्मद फ़ज़ील खान के बारे में जानकारी दी जो केप्टिन अब्दुल हमीद की शहादत के गवाह है और वोह भी एक बहादुर सिपाही होने से बहादुरी के सम्मान से सम्मानित हुए है उनके अनुभवों का भी ज़िक्र इस सभा में क्या गया ,,,,,,,,,,,,,,कहते है के इस्लाम सिर्फ और सिर्फ अपनी जान देकर भी मुल्क की सरहदों की हिफाज़त करना सिखाता है फिर भी इन अंधों ,,बेहरो जिन्हे मुल्क मुफ्त में आज़ाद मिला है वोह यूँ ही इस देश को तोड़ कर मज़हबों में बांटने की साज़िशें रच रहे है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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